Sagwan Farming in India | एक एकड़ में लगाये केवल 120 पेड़
देश के किसान भाई को खेती में आ रहे लगातार नुकसान के कारण अब वह नये विकल्पों के बारे में विचार कर रहे है. जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा हो सके. इसलिए वह अब खेती के साथ-साथ पेड़ों को लगाकर उनसे अच्छा मुनाफा कमा लेते है. इसी कड़ी में सागवान का पेड़ किसान भाइयों के बीच खेती के लिए काफी लोकप्रिय हो रहा है. क्योकि यह पेड़ बहुत कम लागत में किसानों को ज्यादा मुनाफा देता है.
सागवान की लकड़ियाँ मजबूत होने के कारण बाजर में इसकी अच्छी कीमत मिलती है. इसलिए इसका इस्तेमाल प्लाईवुड, जहाज़, रेल के डिब्बे और फर्नीचर आदि बनाने में किया जाता है. इसके अलावा सागवान की छाल और पत्तियों में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं. इनका इस्तेमाल कई तरह की शक्तिवर्धक दवाओं को बनाने में भी किया जाता है.
पहाड़ी इलाके में नही हो सकती है खेती
सागवान की लकड़ी सबसे मजबूत लकड़ी होती है. इसमें दीमक का प्रकोप भी नही होता है. इसी कारन यह लम्बे समय तक काफी मजबूत रहती है. लेकिन इसका पौधा ठंडी जगहों पर अच्छे से विकास नही कर पाता है.इसी कारन इसकी खेती पहाड़ी स्थानों पर नही करनी चाहिए, करेगें तो किसान भाइयों को नुकसान पडेगा.
किसानों को होता है दूना मुनाफा
सागवान की खेती में किसान भाइयों को काफी लाभ मिलता है. लेकिन इस में खेती लगभग 8 से 10 वर्षों का समय लग जाता है. जिससे इसकी खेती की प्रकिया काफी लम्बी हो जाती है. इसलिए किसानों को सहफसली तकनीकी अपनानी चाहिए. इसके लिए किसान भाई सागवान के पेड़ों के बीच सब्जियों और फूलों की खेती कर दूना मुनाफा कमा सकते है.
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इसकी खेती में करोड़ों का लाभ
सागवान की बाजार में काफी अच्छी कीमत मिलती है. एक तैयार पेड़ की कीमत 25 से 40 हजार तक में बिक जाता है. अगर कृषि विशेषज्ञों की माने तो एक एकड़ खेत में किसान भाई 120 पौधे सागवान के लगा सकते है. जब तक ये पेड़ तैयार होगें तब तक इनकी कीमत करोड़ों में हो जाती है.