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मक्का एवं दलहन फसलों की खेती पर किसानों को अनुदान
देश की सरकारे किसानों को दलहन के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाने एवं धान की खेती से गिरते भू जल स्तर रोकने के लिए दलहन तिलहन एवं मोटे अनाजों की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है. जिससे उनकी आय भी बढ़ सके. इसलिए धान की खेती नही करने वाले किसानों को अन्य फसल की बुवाई करने पर अनुदान दिया जा रही है. इस कड़ी में हरियाणा राज्य की सरकार द्वारा फसल विविधिकरण के लिए किसानों को मक्का एवं दलहन की खेती करने पर अनुदान देने का फैसला लिया है.
राज्य मुख्य सचिव सचिव श्री संजीव कौशल की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय अनुमोदन समिति की बैठक की गयी. इस बैठक में 159 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को स्वीकृति दी गयी. इस परियोजना के अंतर्गत राज्य में जोखिम फ्री खेती, फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने एवं भूमि को जलभराव से मुक्त कराने के लिए यह लक्ष्य रखा गया है.
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इन फसलों के लिए दी जाएगी अनुदान की राशि
राज्य के मुख्य सचिव द्वारा मक्का उगाने वाले किसानों को 2400 रुपए प्रति एकड़ तथा दलहन फसलों के लिए 3600 रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि अनुदान के रूप में देने की मंजूरी की है. इससे राज्य में लहनी और दलहनी फसलों की खेती को बढ़ावा मिल पायेगा. इसके साथ ही फसल विविधिकरण के लिए 38.50 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है जिससे किसान परम्परागत खेती के अलावा फसल विविधिकरण अपना कर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर पायें.
इसके लिए राज्य के 10 जिलों में डेंचा, मक्का और दलहनी फसलों को बढावा देने के लिए 50 हजार एकड़ भूमि में फसल विविधिकरण की योजनाओं का क्रियान्वन किया जाएगा. इससे फसल चक्र बदलेगा जिससे भूजल के गम्भीर दोहन को रोकने में भी मदद मिल पायेगी और मिट्टी में सुधार होगा. इसके अलावा जल संरक्षण के कार्यों में भी वृद्धि की जाएगी ताकि भूमिगत जलस्तर में सुधार हो सके.
खेती के जोखिम को कम करने पर दिया जायेगा बढ़ावा
राज्य के मुख्य सचिव द्वारा बताया गया राज्य के किसानों का जोखिम कम करने कृषि व्यापार, उद्यमिता को बढावा देने के माध्यम से खेती को एक लाभकारी आर्थिक गतिविधि बनाने के लिए कारगर योजनाएं का क्रियान्वयन किया जायेगा. इन सभी योजनाओं के लिए राज्य की राज्य स्तरीय अनुमोदन समिति की बैठक में अनुमति दी गयी है. इन योजनाओं के क्रियान्वयन से कृषि की उच्च तकनीक विकसित करने में मदद के साथ-साथ किसानों की आय भी बढ़ेगी.
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भूमि की जलभराव समस्या को किया जायेगा दूर
राज्य के किसानों को जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए एक पोर्टल बनाया गया है. जिस पर किसान अपनी स्वेच्छा से कृषि योग्य भूमि पर जल निकासी के लिए अपलोड कर सकते है. इस साल सरकार द्वारा झज्जर, रोहतक, सोनीपत के किसानों की 20 हजार एकड़ भूमि को जलभराव समस्या से निजात दिलाने का लक्ष्य रखा गया है.