किसान भाई वनीला की खेती कर कमाए अधिक लाभ जाने, कैसे करेंगे खेती और कहां मिलेगा बीज

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वनीला की खेती

वनीला की खेती

वनीला की खेती देश की सबसे महंगी फसलों में से एक है. महंगी फसलों में केसर के बाद वनीला का ही नाम आता है. वनीला की खेती करना काफी मुश्किल काम है. इसीलिए बाजार में इसकी कीमत काफी अधिक रहती है. 1 किलो वनीला  की बाजार में कीमत लगभग 45000 के ऊपर ही है.वनीला एक बेलदार पौधा है. यह आर्केड कुल का पौधा है. इसका तना लंबा और बेला का रोता है. इसके फल के साथ फूल भी बहुत सुगंधित होते हैं. जो कैप्सूल के आकार के होते हैं. खास बात यह है कि इसके एक फल से ढेर सारे बीज प्राप्त हो जाते हैं.

विश्व में वनीला की खेती मेडागास्कर, पपुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, चीन, पुर्तगाल, केन्या, जिम्बाम्बे, मेक्सिको भारत और युगांडा आदि देशों में की जाती है. वनीला की मांग कई देशों में रहती है. भारतीय मसाला बोर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में बनने वाली आइसक्रीम में लगभग 40% भाग वनीला फ्लेवर का ही पाया जाता है. इसके अलावा वनीला का उपयोग केक, कोल्ड ड्रिंक, परफ्यूम और सुंदरता बढ़ाने वाले उत्पादों में किया जाता है. ऐसे में वनीला की खेती कर किसान भाई अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. तो आइए जानते हैं वनीला की खेती बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी-

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जलवायु एवं भूमि

वनीला की खेती के लिए सबसे जरूरी है कि किसान भाई वातावरण का खास ध्यान रखें. वनीला की खेती के लिए ह्यूमिडिटी, छाया और मध्यम तापमान की आवश्यकता होती है. वही तापमान 25 से 35 सेंटीग्रेड तक उपयुक्त माना जाता है. साथ ही पेड़ों से छन कर आने वाली रोशनी वनीला की फसल के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है. इसकी खेती शेड हाउस बना कर भी की जा सकती है. 

वनीला की खेती के लिए भुरभुरी तथा जैविक पदार्थों से भरपूर मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. जिस का पीएच मान 6.5 से 7.5 तक होना चाहिए. इसके अलावा मिट्टी की जांच कर इसकी खेती करने से फसल की पैदावार अच्छी होती है.

वनीला की खेती के लिए बीज

वनीला एक महंगी फसल होने के कारण इसका बीज भी काफी महंगा मिलता है. देश में इसके 1 किलो बीज की कीमत लगभग 40 से 50 हजार के बीच रहती है.

खेत की तैयारी कैसे करें

किसी भी फसल की बुवाई के लिए सबसे जरूरी यह है कि खेत की तैयारी की जाए . इसलिए वनीला की बुवाई से पहले खेत में गड्ढे तैयार कर लेनी चाहिए. इन गड्ढों में गोबर की सड़ी खाद डाल देनी. इन गड्ढों की दूरी लगभग 8 फीट होनी चाहिए. क्योंकि वनीला का पौधा लता दार होता है. पौधा उगने के बाद इसे सहारे की जरूरत होती है. इसलिए गड्ढे के पास ही 7 फीट लंबी लकड़ी या सीमेंट का पिलर लगा दिया जाता है. और इस पर तार बांध दिया जाता है. जिससे वनीला की बेल इस पर आसानी से फैल जाए.

वनीला की बीज बुवाई

वनीला की खेती के लिए बीज बुवाई एक महत्वपूर्ण कार्य है. लेकिन वनीला की खेती में बीज की बुवाई 2 प्रकार से की जाती है. पहला कटिंग दूसरा बीज द्वारा. आपको बताते चलें इसके बीजों का उपयोग कम किया जाता है. क्योंकि इस के दाने काफी छोटे होते हैं. जिसको उगने में काफी समय लगता है. ऐसे मे इसकी खेती के लिए बेल लगाना सबसे उपयुक्त रहता है. इस बात का ध्यान रखें कि बेल की पहले स्वस्थ कटिंग कर लें. इसके बाद वातावरण में नमी हो. तभी इसकी कटिंग को लगाना उचित रहता है.

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वनीला की खेती के अन्य कार्य

वनीला की खेती में खेत को तैयार करने के लिए गोबर की सड़ी हुई खाद, केंचुए की खाद, नीम केक आदि का उपयोग करना इसकी फसल के लिए लाभदायक होता है. साथ ही सिंचाई के लिए फव्वारा विधि या टपक विधि का उपयोग करना चाहिए. सिंचाई 2 दिन के अंतराल पर करनी चाहिए. जिससे खेत में उचित नमी बनी रहे. फसल की अच्छी उपज के लिए 1 किलो एनपीके को 100 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव कर देना चाहिए. इसके अलावा इस बात का ध्यान रखें वनीला की बेल को तारों पर अच्छी प्रकार चलाना चाहिए. और इसके लिए ज्यादा ऊंचाई नहीं होनी चाहिए. इसके लिए सर्वोत्तम ऊंचाई 150 सेमी से अधिक नहीं होनी चाहिए.

फसल कटाई का समय

वनीला की तैयार होने में 9 से 10 महीने का समय लगता है. जिसमें फूल से लेकर फलियां लगने तक का पूरा समय होता है. फलियों की तुड़ाई के बाद बीजों को निकालकर उनका प्रसंस्करण कर कई प्रकार के उत्पाद बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. इसीलिए वनीला की खेती अभी किसानों के लिए एक बेहतर विकल्प  हो सकती है.

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