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पशुओं में तेजी से फैली है जानलेवा बीमारी पशुपालक किसान भाई रहें सतर्क

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पशुओं में तेजी से फैली है जानलेवा बीमारी लम्पी 

पशुओं में तेजी से फैली है जानलेवा बीमारी लम्पी 

मानसून के सीजन में पशुओं को संक्रामक रोगों से काफी खतरा रहता है. क्योंकि यह संक्रामक रोग काफी तेजी से फैल जाते हैं. जिससे पशुओं की मृत्यु तक हो जाती है. इसीलिए सरकार द्वारा समय-समय पर पशुओं का निशुल्क टीकाकरण कराया जाता है. जिससे इन संक्रामक रोगों को आसानी से नियंत्रित किया जा सके. लेकिन पशुओं के कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनका टीका अभी तक नहीं बन पाया है. इसीलिए यह रोग अधिक तेजी से फैलते हैं और पशुपालक किसानों का काफी ज्यादा नुकसान होता है. इसी तरह का रोग आजकल कई राज्यों में फैला हुआ है. जिससे बहुत सारे पशु ग्रसित हैं इस संक्रामक रोग का नाम लंपी स्किन डिजीज है. देश में यह राजस्थान, तमिलनाडु, उड़ीसा, कर्नाटक, गुजरात, केरल, असम, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे कई राज्यों में फैला हुआ है.

यह संक्रामक रोग राजस्थान के जैसलमेर, जालौर, बाड़मेर, सिरोही, जोधपुर, नागौर एवं बीकानेर जिले में काफी तेजी से फैला हुआ है. जिससे ग्रसित पशुओं में लगभग 1.00 से 1.50  प्रतिशत की मौत हो रही है. राज्य में तेजी से फैलते हुए संक्रामक रोग को देखते हुए पशुपालन मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने रविवार को विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में प्रदेश के पश्चिमी जिलों में फैल रहे. लंपी स्किन डिजीज की स्थिति और रोकथाम के लिए किए जा रहे हैं, प्रयासों की समीक्षा की गई. 

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लंपी स्किन डिजीज है पशुओं के लिए जानलेवा 

लंपी स्किन डिजीज मुख्य रूप से गायों में तेजी से फैल रहा है. इसकी चपेट में राजस्थान के पश्चिमी जिले जैसलमेर, जालौर, बाड़मेर, सिरोही, जोधपुर, नागौर एवं बीकानेर जिले आधे इस बीमारी का सबसे ज्यादा प्रकोप जोधपुर संघ संभाग के पशुओं में है. लेकिन इस रोग से पशुओं में मृत्यु दर ज्यादा नहीं है. इस बीमारी से ग्रसित पशुओं में से एक से डेढ़ प्रतिशत पशुओं की मौत हुई है. इस रोग में मौत का सबसे बड़ा कारण कमजोर एवं कम प्रतिरोधक क्षमता वाले पशुओं का होना है.

रोग के इलाज के लिए सरकार ने जारी की सहायता राशि

राज्य सरकार द्वारा इस रोग से ग्रसित पशुओं के लिए हरजी जिले को आपातकालीन जरूरी दवाएं खरीदने के लिए एक ₹100000 और पाली क्लीनिक को ₹50000 की सहायता राशि जारी कर दी गई है. इसके अलावा जिन जिलों को अधिक फंड की आवश्यकता है. उन्हें भी अतिरिक्त राशि मुहैया कराई जाएगी. साथ ही ज्यादा प्रभावित जिलों को स्टेट मेडिकल टीम और पड़ोसी जिलों से टीम भेजी जाएंगी. बीमारी की रोकथाम के लिए सभी प्रभाव उपाय किए जा रहे हैं. इसके लिए राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी भेजे जाएंगे, जो इस रोग की मॉनिटरिंग करेंगे.

राज्य के कृषि मंत्री द्वारा इस संक्रामक बीमारी की रोकथाम एवं उपचार के लिए जरूरी दवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दे दिए हैं. इसके अलावा आपातकालीन परिस्थितियों में दवाई खरीदने के लिए आवश्यकतानुसार अतिरिक्त बजट आवंटन का भी निर्देश दिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रभावित जिलों में जहां पशु चिकित्सा कर्मियों की कमी हो, तो वहां  रोग से कम प्रभावित पड़ोसी जिलों से चिकित्सा दल गठित कर भेजे जाएंगे. इसके अलावा निदेशालय स्तर से जिले के नोडल अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर निगरानी एवं प्रभावी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

लंपी स्किन डिजीज आखिर है क्या 

इस संक्रामक रोग से ज्यादातर गाय और भैंस की संक्रमित होती हैं. यह भी लेदार त्वचा रोग एक वायरल रोग है. जिसे अंग्रेजी में लम्पी स्किन डिजीज (एलएसडी) कहते हैं. इससे संक्रमित पशु को शरीर में गांठे बन जाती हैं. या गांठे खासकर सिर गर्दन और जननांग के आसपास होती हैं. जो धीरे-धीरे बड़ी होने लगती हैं और घाव बन जाता है. साथ ही पशुओं को तेज बुखार भी आ जाता है. दूध देने वाले पर्स अपना दूध कम कर देते हैं. साथ ही मादा पशु जो गर्भवती हैं उनका गर्भपात हो जाता है. इसके अलावा या रोग ज्यादा बढ़ने पर पशु की मौत भी हो जाती है.

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इस रोग से कैसे करें पशुओं का बचाव

इस रोग का अभी तक कोई टीका नहीं बन पाया है. ना ही कोई प्रभावी दवा उपलब्ध है. इस रोग के होने पर पशुओं का बचाव पशु चिकित्सा द्वारा लक्षण देखकर किया जा रहा है. इसके अलावा किसान पशुपालक भाइयों को या सलाह दी जाती है. कि संक्रमित पशु को अन्य पशुओं से अलग बांधने का इंतजाम करें और पशु को बुखार या गांठ के लक्षण दिखाई दें. तो अपने नजदीकी पशु चिकित्सक या पशु चिकित्सालय से संपर्क कर पशु की संपूर्ण जानकारी दें. 

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