Contents
- 1 गर्मी के मौसम में भिन्डी की खेती | Cultivate bhindi in summer season | Growing Lady finger in Summer month in Hindi
- 1.1 उपयुक्त भूमि एवं जलवायु (Cultivate bhindi in summer season)
- 1.2 गर्मी के मौसम में बुवाई के लिए भिन्डी की उन्नत किस्में (Improved varieties of lady’s finger for sowing in summer season)
- 1.3 भिन्डी का बीजोपचार (okra seed treatment)
- 1.4 भिन्डी बुवाई के लिए बीज की मात्रा (Seed Quantity for Sowing Bhindi)
- 1.5 भिन्डी की बुवाई की विधि (Bhindi Sowing Method)
- 1.6 ग्रीष्म कालीन भिन्डी के लिए खाद एवं उवर्रक (Manure and fertilizer for bhindi in summer)
- 1.7 भिन्डी की सिंचाई (okra irrigation)
- 1.8 भिन्डी की फसल तुड़ाई (bhindi harvest)
गर्मी के मौसम में भिन्डी की खेती | Cultivate bhindi in summer season | Growing Lady finger in Summer month in Hindi
फरवरी का महीना आधे से ज्यादा बीत चुका है. गर्मी का मौसम दस्तक दे रहा है. ऐसे मौसम में जायद की फसलों की बुवाई शुरू हो चुकी है. जायद की इस मौसम में किसान भाई कई सब्जी फसलों की बुवाई भी करते है. लेकिन गर्मी के मौसम की शुरुवात में भिन्डी की खेती (Cultivate bhindi in summer season) मुख्य रूप से की जाती है. क्योकि किसान भाइयों को इसमें अधिक मुनाफा प्राप्त होता है. आइये आप सभी को भिन्डी की खेती के बारे में पूरी जानकारी देते है.
उपयुक्त भूमि एवं जलवायु (Cultivate bhindi in summer season)
भिंडी की खेती सभी प्रकार की भूमि में की जा सकती हैं, लेकिन अच्छे उत्पादन के लिए दोमट, बलुई दोमट और मटियार दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है.
भिन्डी की खेती गर्मी के सीजन में बीज के अंकुरण के लिए मिट्टी का तापमान 25°C से 29°C तक होना चाहिए.
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गर्मी के मौसम में बुवाई के लिए भिन्डी की उन्नत किस्में (Improved varieties of lady’s finger for sowing in summer season)
गर्मी के इस सीजन में भिन्डी की निम्न किस्मों की बुवाई कर सकते है जिनसे अच्छा उत्पादन प्राप्त होगा.
- परभन क्रांति
- पूसा सावनी
- पंजाब पद्मनी
- पूजा ए-4
- अर्का भय
- अर्का अनामिका
- पंजाब-7
- पंजाब-13 भिंडी
भिन्डी का बीजोपचार (okra seed treatment)
बोने से पहले भिन्डी के बीज को पानी में भिगोकर 12 घंटो के लिए गीले कपड़े में रख दे. इससे बीजों की अंकुरण दर तीव्र हो जाती है। बुवाई से पहले बीज को 2 ग्राम प्रति किलोग्राम की दर से किसी भी फफूंदीनाशक में अच्छी तरह मिला देना चाहिए.
भिन्डी बुवाई के लिए बीज की मात्रा (Seed Quantity for Sowing Bhindi)
गर्मी के सीजन में भिंडी की खेती करने के लिए 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज की आवश्यकता पड़ती है. जबकि बारिश के सीजन में भिन्डी खेती के लिए 12 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर की जरुरत पड़ती हैं.
भिन्डी की बुवाई की विधि (Bhindi Sowing Method)
ग्रीष्म कालीन भिंडी की बुवाई करते समय कतार से कतार की दूरी 30 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 12 से 15 सेमी रखनी चाहिए. इससे पौधों का विकास बढ़िया होता है तथा उत्पादन भी अच्छा मिलता है.
ग्रीष्म कालीन भिन्डी के लिए खाद एवं उवर्रक (Manure and fertilizer for bhindi in summer)
ग्रीष्म कालीन भिन्डी की बुवाई के लिए खेत की तैयारी करते समय प्रति हेक्टेयर 8 टन गोबर खाद व 45 किग्रा नाइट्रोजन, 22 किग्रा फॉस्फोरस तथा 22 किग्रा पोटाश की आवश्यकता पड़ती है. खेत में गोबर की खाद का प्रयोग बुवाई से 3 से 4 सप्ताह पहले कर देना चाहिए. तो वहीं नाइट्रोजन की आधी, फास्फोरस और पोटाश की संपूर्ण मात्रा का प्रयोग अंतिम जुताई के साथ करना चाहिए. बाकी नाइट्रोजन को आधी मात्रा में 2 बार देना चाहिए.
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भिन्डी की सिंचाई (okra irrigation)
भिन्डी की बुवाई से पहले खेत को उचित आकार की पट्टियों में बांट लेना चाहिए, जिससे सिंचाई करने में सुविधा हो सके. बारिश के मौसम में जल भराव से बचाने के लिए उठी हुई क्यारियों में भिंडी की बुवाई करना चाहिए.
भिन्डी की फसल तुड़ाई (bhindi harvest)
भिन्डी की बुवाई के लगभग 60 से 75 दिनों के बाद फल तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. तुड़ाई के बाद फल 3 से 5 दिन तक खाने योग्य रहते हैं, जबकि यह अवधि पूसा सावनी में 7 दिन तक की रहती है.