Corn Farming – मक्का की खेती की पूरी जानकारी (हिंदी में)

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मक्का की खेती (Corn Farming) की पूरी जानकारी

मक्का की खेती (Corn Farming) की पूरी जानकारी

नमस्कार किसान भाईयों, मक्का की खेती (Corn Farming) देश में प्रमुख रूप से की जाती है.इसकी खेती खरीफ, रबी एवं जायद तीनों मौसम की जाती है.खाद्यान्न फसलों में मक्का सबसे अधिक उपज देने वाली फसल है.आज गाँव किसान (Gaon Kisan) के अपने इस लेख द्वारा मक्का की खेती (Corn Farming) की जानकारी हिंदी भाषा में देगा.जिससे किसान भाई अच्छी उपज प्राप्त कर सके.तो आइये जानते है मक्का की खेती (Corn Farming) की पूरी जानकारी-

मक्का के फायदे 

मक्का पौष्टिक आहार देने वाली फसल है. इसमें कार्बोहाइड्रेट, विटामिन ए, बी और ए  उचित मात्रा में पाया जाता है.यह हड्डियों के लिए काफी लाभदायक होता है. साथ ही इसके सेवन से कोलेस्ट्रोल, शुगर, और उच्च रक्तचाप में भी लाभ मिलता है. मक्का का उपयोग खाद्यान्न, पशुआहार, औद्योगिक महत्त्व की अनेक वस्तुओं को बनाने में किया जाता है.इसके अलावा इसका उपयोग पशुओं के हरे चारे के रूप में भी किया जाता है.मक्का की विभिन्न खाद्यान्न किस्मों में पॉप कार्न, स्वीट कॉर्न, बेबी कॉर्न आदि का बाजार बढ़ा है.आर्थिक महत्त्व तथा जलवायु परिवर्तन के युग में मक्का भविष्य की फसल है.

उद्भव एवं विकास 

मक्का की उत्पत्ति मध्य अमेरिका तथा मैक्सिको माना जाता है. प्राचीन मैक्सिको वासियों के वर्षा के देवता “टालोक-आजटेक” को मक्का के पौधों के साथ दिखाया जाता है.सन 1492 में जब कोलम्बस ने नई दुनिया का पता लगाया तो पुरानी दुनिया को अमेरिका के साथ मक्का का भी पता लगा. भारत में मक्का सोलहवीं सदी में पुर्तगालियों द्वारा लाया गया.

क्षेत्र  

देश के ज्यादातर राज्यों में मक्का की खेती (Corn Farming) खरीफ, रबी और जायद तीनों मौसम में 81.7 लाख हेक्टेयर (2008-09) क्षेत्र में की जाती है. विश्व में भारत का मक्का उत्पादन में पांचवा स्थान है. भारत में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्णाटक, बिहार, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर तथा उत्तर पूर्वी आदि राज्यों में मक्का की खेती की जाती है.

जलवायु 

मक्का मूल रूप से गर्म मौसम का पौधा है.अंकुरण के समय 21 डिग्री सेल्सियस तथा वृध्दि के समय 32 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त माना गया है.नर मंजरियाँ निकलते समय अधिकतम तापमान तथा कम नमी होना हानिप्रद है. मक्का पकने की अवस्था को छोड़कर शेष सभी अवस्थाओं में तापमान 25 डिग्री सेल्सियस के आस-पास होना चाहिए.पकते समय गर्म तथा शुष्क वातावरण ठीक होता है.

मिट्टी

मक्का की खेती (Corn Farming) के लिए अच्छी जल निकास वाली भूमि होनी चाहिए.इसकी खेती बलुई दोमट अथवा दोमत अच्छी प्रकार से की जाती है.मिट्टी में प्रचुर मात्रा में जीवांश तथा पी० एच० मान 5.5 से 7.5 के बीच उपयुक्त माना गया है.मक्का जल-जमाव के प्रति संवेदनशील होती है.

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उन्नत किस्में 

रबी (15 अक्टूबर से 20 नवम्बर तक) की फसलों में बोई जाने वाली मक्का की प्रमुख किस्में निम्नवत है-

किस्म  पकने की अवधि (दिनों में) औसत उपज (कु० /हे०) अभियुक्ति 
संकर किस्में 
शक्तिमान – 1 150 से 155 75 से 80 सफ़ेद
शक्तिमान – 2 145 से 150 80 से 85 सफ़ेद
शक्तिमान – 3 150 से 155 85 से 90 नारंगी पीला
शक्तिमान – 4 150 से 155 85 से 90 नारंगी पीला
शक्तिमान – 5 150 से 155 85 से 90 नारंगी पीला
राजेंद्र संकर मक्का – 1 155 से 160 65 से 70 पीला
राजेंद्र संकर मक्का – 2 155 से 160 65 से 70 सफ़ेद
दीप ज्वाला 155 से 160 65 से 70 सफ़ेद
गंगा 11 150 से 160 60 से 65 नारंगी पीला
डी० एच० एम० 117 155 से 160 90 से 95 नारंगी पीला
संकुल किस्में 
सुआन 145 से 150 55 से 60 पीला
देवकी 155 से 160 65 से 70 सफ़ेद
लक्ष्मी 150 से 155 60 से 65 सफ़ेद

खेत की तैयारी 

मक्के की बुवाई के लिए एक से दो गहरी जुताई करनी चाहिए इसके बाद पाटा चला देना चाहिए, जिससे की खेत में ढेले टूट जाय एवं मिट्टी भुरभुरी बन जाय. बुवाई से पहले 10 से 15 टन गोबर की सदी हुई खाद या वर्मी कम्पोस्ट को खेत में डाले.

बीज दर एवं बीजोपचार 

एक हेक्टेयर मक्के की बुवाई के लिए लगभग 20 किलोग्राम मक्के की आवश्यकता पड़ती है.

बुवाई से पूर्व बीज को फफूंद नाशक दवा कैप्टान, थीरम या वैविस्टीन 2.0 से 2.5 ग्राम प्रति किग्रा० बीज की दर से अवश्य उपचारित कर लेना चाहिए.

बुवाई की विधि 

मक्के की बुवाई ज्यादातर लोग छिटकाव विधि से करते है लेकिन पंक्ति विधि से बुवाई करने पर अच्छी उपज प्राप्त की जा सकती है.इसमें पंक्ति और पौधे की दूरी 60 x 25 सेमी० रखते है.तथा गहराई 4 से 5 सेमी० रखते है.

उर्वरक प्रबन्धन 

मक्का की खेती (Corn Farming) के लिए 100 किलो० नत्रजन, स्फूर 60 किलोग्राम व 40 किलोग्राम पोटाश का प्रयोग करते है.इसमें से बुवाई के समय नत्रजन 30 किलो० स्फूर व पोटाश की पूरी मात्रा डाल देते है.नत्रजन की बची हुई बाकि मात्रा दो बराबर भागो में डालते है.पहली घुटने भर होने पर तथा दूसरी घनवाल निकलते समय देते है.

सिंचाई 

रबी फसलों में बोई गयी मक्का को 5 से 6 सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है.सूखे की स्थिति में जब मक्का में दूध बनने लगता है तब सिंचाई की आवश्यकता पड़ता है.मक्का में मोचा निकलने से दाना बनने तक खेत में पर्याप्त नमी रहना अत्यंत ही आवश्यक है.

निराई-गुड़ाई एवं खरपतवार प्रबन्धन 

खेत में अधिक खरपतवार होने पर बुवाई के दूसरे दिन खरपतवार नाशी दवा एट्राजीन 50 प्रतिशत 1.5 किग्रा को 600 से 700 लीटर पानी में घोल कर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करे.20 से 25 दिन बाद दोबारा भी छिड़काव कर सकते है.अगर आप खरपतवार नाशी का छिड़काव नही करना चाहते है तो उस खेत में मक्का के कतारों के बीच खुरपी से निकौनी कर नत्रजन डालकर मिट्टी चढ़ा देना चाहिए.

कीट एवं व्याधि प्रबन्धन 

क्र० सं० फसल के नाम कीट व्याधियां/रोग के नाम कीट व्याधियां/रोग के कारकों के नाम लक्षण प्रबन्धन
1. मक्का (Maize) पत्ती लपेटक (Leaf roller) मेरास्मिया ट्रेपेजेलिस (Marasmia traapezales) कीट के शिशु पत्तियों के ऊपरी सतह को खुरचकर खाता है फिर उनको मोड़ना शुरू कर देता है.खाई हुई पत्तियां सफ़ेद हो जाती है. मुड़ी हुई पत्तियों को इकठ्ठा करके नष्ट कर देना चाहिए.

कार्बारिल 50 डब्ल्यू० पी० का 2 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करना चाहिए.

2. कंडवा रोग (Smut of Maize) अस्टीलागों मेडिस (Ustilago maydis) पौधे को आक्रांत भाग पर पिटिका (गौल) बनते है. उग्रावस्था में आक्रान्त भुट्टे से काला बीजाणु चूर्ण निकालते है. फसल चक्र अपनाना चाहिए.

आक्रान्त पौधों को हटाना चाहिए.

वीटावैक्स-2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए.

 

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मक्का की खेती के साथ मिश्रित खेती

रबी के मौसम में मक्का की खेती (Corn Farming) के साथ आलू, मूली, मटर, राजमा की खेती भी कर सकते है.

कटाई 

रबी के मौसम में मोचा निकलने के 50 से 55 दिनों बाद भुट्टे परिपक्व हो जाने पर इसकी कटनी कर लेनी चाहिए.पौधों से भुट्टे अलग करके अच्छी तरह सुखा लेना चाहिए.भण्डारण के लिए भुट्टों से दाने अलग कर ले.

निष्कर्ष 

किसान भाईयों, उम्मीद है गाँव किसान के मक्का की खेती (Corn Farming) से सम्बंधित इस लेख से इसकी खेती की सभी जानकारियां आप को मिली होगी.गाँव किसान द्वारा मक्का के फायदे से लेकर कटाई तक सभी जानकारियां दी गयी है.लेकिन फिर भी मक्का की खेती (Corn Farming) से सम्बंधित आपका कोई प्रश्न हो तो कमेन्ट बॉक्स में कमेन्ट कर पूछ सकते है. इसके अलावा यह लेख आपको कैसा लगा कमेन्ट कर जरुर बताये.महान कृपा होगी.धन्यवाद

आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद, जय हिन्द.

 

 

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