आलू की लाल कंदीय उन्नत किस्में
देश के किसान आलू की खेती बहुत बड़े स्तर पर करते हैं. क्योंकि आलू से किसानों को काफी अच्छा लाभ मिलता है. लेकिन आलू की अच्छी पैदावार हो इसके लिए सबसे जरूरी होता है. किसानों को उन्नत किस्म की जानकारी का होना.
किसान भाई सफेद कंद और लाल कंद वाले आलू की किस्मों की बुवाई करते है. लेकिन किसान लाल छिलके वालों आलू की उन्नत प्रजातियों की खेती कर अपनी आय बढ़ा सकते हैं. तो आज के इस लेख में किसान भाई लाल कंदीय आलू की उन्नत किस्मों के बारे में जान पाएंगे.
लाल कन्दीय आलू कुफरी कंचन
- आलू की इस किस्म को साल 1999 में जारी किया गया था.
- इस किस्म के आलू के कंदों का रंग गहरा लाल तथा लंबे अंडाकार, गहरी आंखें एवं क्रीमी गूदा होता है.
- इस किस्म के आलू की परिपक्वता 90 से 100 दिन के लगभग होती है
- इस किस्म की क्षमता 25 से 30 तक प्रति हेक्टेयर तक पाई जाती है.
- इस किस्म की सबसे खास बात यह होती है, कि इसकी भंडारण क्षमता काफी अधिक होती है.
- आलू की यह किस्म पिछेता झुलसा रोग प्रतिरोधी होती है.
- इसके अलावा इस किस्म में धीमी बीज ह्रास दर होती है.
लाल कन्दीय आलू कुफरी अरुण
- आलू की इस किस्म को वर्ष 2005 में जारी किया गया था.
- आलू की यह किस्म लाल रंग के कंद वाली, अंडाकार, उथली आंखें, क्रीमी गूदा होता है.
- आलू की इस किस्म की परिपक्वता 80 से 90 दिन के आसपास होती है.
- इस किस्म की उपज क्षमता 30 से 35 टन प्रति हेक्टेयर के लगभग पाई जाती है.
- इस किस्म के आलू के कंदों का रखरखाव मध्यम दर्जे का होता है.
- आलू की यह किस्म पिछेता झुलसा रोग के लिए कुछ हद तक प्रतिरोधी पाई जाती है.
लाल कंदीय आलू कुफरी ललित
- आलू की इस किस्म को वर्ष 2011 में जारी किया गया था.
- आलू की यह किस्म लाल गोल कंद वाली मध्यम गहरी आंखें एवं पीला गूदा होता है.
- आलू की इस किस्म की परिपक्वता 90 से 100 दिन की आस पास होती है.
- इस किस्म की उपज क्षमता 30 से 35 टन प्रति हैक्टेयर के लगभग होती है.
- आलू की इस किस्म में शुष्क पदार्थ 18% एवं झुलसा रोग प्रतिरोधी होती है.
- आलू की इस किस्म में उत्तम भंडारण क्षमता के साथ-साथ खाने में सुस्वाद पायी जाती है.
लाल कंदीय आलू कुफरी नीलकंठ
- आलू की इस किस्म को वर्ष 2018 में जारी किया गया था.
- आलू की इस किस्म के कंद हल्के बैंगनी छिलके वाले क्रीमी सफेद रंग का गूदा गोल कंद वाले होते हैं.
- आलू की इस किस्म की परिपक्वता लगभग 100 दिन के आसपास होती है.
- आलू की इस केस में एंटीऑक्सीडेंट एंथोसाइएनिन पिगमेंट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है.
- आलू की यह किस्म पिछेता झुलसा रोग प्रतिरोधी होती है.
- इस किस्म के आलू के सेवन करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है.
- इस किस्म के आलू की उपज क्षमता 35 से 40 टन प्रति हेक्टेयर होती है.
- आलू की इस किस्म में मध्यम दर्जे की भंडारण क्षमता पाई जाती है.
यह भी पढ़े : 1 किलो आलू की कीमत है ₹50000, आइए जाने दुनिया के सबसे महंगे आलू की खेती के बारे में
लाल कन्दीय आलू कुफरी माणिक
- आलू की इस किस्म को वर्ष 2019 में जारी किया गया था
- इस किस्म के आलू का कंद गहरा लाल रंग का होता है.
- इसका कंद अंडाकार गोल, मध्यम गहरी आंखें एवं पीला गूदा पाया जाता है.
- इस किस्म की परिपक्वता 90 से 100 दिन के आसपास होती है.
- इसकी उपज क्षमता लगभग 30 से 35 टन प्रति हेक्टेयर के आसपास पाई जाती है.
- आलू इस किस्म में शुष्क पदार्थ 19% एवं खाने में सुस्वाद, साथ ही पोषक तत्वों से भरपूर पायी जाती है.
- आलू की इस किस्म में उत्तम भंडारण क्षमता एवं झुलसा रोग प्रतिरोधी होती है