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Calcium in plants | पौधों में कैल्शियम की भूमिका और कमी के लक्षण

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पौधों में कैल्शियम की भूमिका और कमी के लक्षण

पौधों में कैल्शियम की भूमिका और कमी के लक्षण (Calcium in plants)

पौधों के समुचित विकास के लिए पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है. इन पोषक तत्वों में कैल्शियम की भी भूमिका सबसे अहम होती है. आज के इस लेख में पौधे में कैल्शियम (Calcium in plants) की भूमिका और कमी के लक्षणों के बारे में जानेगें.

पौधों में कैल्शियम के कार्य (function of calcium in plants)

पौधों के जड़ों के विकास में कैल्शियम का विशेष महत्व होता है. इसलिए इस तत्व के अभाव में जड़ों पर इसका सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है. जड़ों की वृध्दि रुक जाती है. वे असंगठित हो जाती है. उनका रंग उड़ जाता है. और कमी की उग्रता के कारण मर भी जाती है. फूलों तथा फलों में कैल्शियम की कमी पुष्पमंजरी सडन के नाम से पुकारते है. कैल्शियम पराग के अंकुरण तथा परागनाल की वृध्दि के लिए नितांत आवश्यक है. साथ ही कोशिका भित्ति में पाए जाने वाले पदार्थ के संश्लेषण में कैल्शियम का विशेष महत्व है. यह कोशिका कला को क्रियाशील बनाए रखने में प्रमुख भूमिका निभाता है.

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पत्तियों में पाए जाने वाले कुल कैल्शियम का 60 प्रतिशत भाग क्लोरोप्लास्ट में पाया जाता है. कैल्शियम एक अति आवश्यक सहकारक के रूप में अनेक एंजाइमों की क्रियाशीलता बढाने में सहायक होता है.

कैल्शियम प्रत्यक्ष रूप से नाइट्रोजन यौगिकीकरण में भाग न लेकर दलहनी फसलों की जड़ ग्रंथियों पर पाए जाने वाले राइजोबियम जीवाणु की क्रियाशीलता को प्रभावित कर इस प्रक्रिया में सहायता करता है.

पौधों में कैशियम के कमी के लक्षण (Symptoms of calcium deficiency in plants)

पौधों में कैल्शियम के आभाव के लक्षण सर्वप्रथम नई पत्तियों, तनों तथा जड़ों के बढ़ने वाले भागों पर दिखाई पड़ता है. नई पत्तियां विरूपित हो जाती है. पत्तियों का अग्रभाग पीछे की ओर मुड़कर हुक की तरह दिखाई देने लगता है. उनके किनारे भी ऊपर या नीचे की ओर मुड़ जाते है. वे विकृत तथा खुरदरी-सी हो जाती है. उनके किनारे झुलस से जाते है. और जड़ों का विकास रुक जाता है. तथा वह चिपचिपी हो जाती है. रोग पत्तियों के अग्रभागों का मुड़ना अग्र हुकिंग कहलाता है.\

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अन्य पूछे जाने वाले सवाल (Other FAQ)

प्रश्न : पौधों में कैल्शियम की कमी से क्या होता है ?

उत्तर : पौधों में कैल्शियम की कमी से पौधे में प्राथमिक पत्तियां देर से निकलती हैं। तथा पौधे की शीर्ष की कलियां खराब होने के अलावा मक्के की नोक चिपक जाती है.

प्रश्न : पौधे में कैल्शियम के लिए क्या डाले ?

उत्तर : इसके लिए किसान भाई कैल्शियम युक्त मिट्टी डाल सकते है. जैसे – कैल्शियम नाइट्रेट, चूना, हरसौंठ (जिप्सम) आदि।

प्रश्न : कैल्शियम नाइट्रेट क्या काम आता है?

उत्तर :  कैल्शियम नाइट्रेट का प्रयोग खेती के लिए, पानी में घुलनशील उर्वरक के रूप में किया जाता है। इसके अलावा, इस उत्पाद का उपयोग अपशिष्ट जल उपचार में और सीमेंट कंक्रीट की ताकत बढ़ाने के लिए भी किया जाता है।

प्रश्न : कैल्शियम खाद क्या है?

उत्तर : कैल्शियम खाद को कैल्शियम नाइट्रेट कहते है. यह पानी में घुलनशील होता है.

प्रश्न : चूने में कैल्शियम की मात्रा कितनी होती है?

उत्तर : चूने में कैलसियम की मात्रा बहुत ज्याद होती है तथा अम्ल में अविलेय पदार्थ छ: प्रतिशत के लगभग पाया जाता है। कैल्शियम 71.43 प्रतिशत ओर ऑक्सिजन 28.57 प्रतिशत पाया जाता हैं। चूनापत्थर, खड़िया या सीप को जलाकर यह चूना बनाया जाता है। यह पानी से जमता नहीं है.

प्रश्न : प्याज में कैल्शियम नाइट्रेट कब डालें?

उत्तर : प्याज की बुवाई के 50 से 60 दिनों बाद फसलों में कैल्शियम नाइट्रेट का उपयोग करना चाहिए। इससे जड़ें गहरी होंगी और कंदों में बढ़िया वृद्धि होगी.

प्रश्न : कैल्शियम नाइट्रेट के क्या-क्या फायदे होते है. 

उत्तर : यह पानी में घुलनशील कैल्शियम होता है. तथा पौधों के भीतर नाइट्रेट नाइट्रोजन के वाहक के रूप में कार्य करता है। पौधों की कैल्शियम की कमी को दूर करता है और फसलों के बढ़ने और शक्ति में सहायता करता है।कीटनाशक और रोगों के प्रति सहिष्णुता के माध्यम से पौधों स्वस्थ और मजबूत बनाता है।

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