काले चावल की खेती कैसे करे ?
देश के किसान इस समय धान की रोपाई के लिए पौध की तैयारी में जुट गए है. क्योकि मानसून आने के साथ ही धान की रोपाई प्रारंभ हो जाती है. ऐसे में की राज्यों के किसानों ने धान की पौध की नर्सरी तैयार भी कर ली है. जिससे वह समय पर धान की रोपाई कर फसल से अच्छा उत्पादन लेकर अच्छा मुनाफा कमा सके. ऐसे में किसान भाई साधारण और बासमती चावल (basmati rice) की जगह यदि इस बार काले धान की खेती (black rice farming) शुरू करे तो वह इन दोनों से ज्यादा मुनाफा कमा सकते है.
बता दें कि बाजार में काले चावल का रेट (black rice rate) 500 रुपए प्रति किलोग्राम तक है. इसके अलावा काले धान की खूबी यह है कि इसका सेवन स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी लाभकारी है. इसमें साधारण धान की तुलना में कहीं अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसमें अधिक मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है. इसके साथ ही काले चावल में सफेद चावल (white rice) और ब्राउन राइस (brown rice) से अधिक मात्रा में विटामिन बी, विटामीन ई, कैल्शियम, आयरन, मैग्नेशियम, जिंक, आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं.
काले धान का बाजार मूल्य
बाजार में अधिक मांग एवं पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण इसका बाजार मूल्य काफी अच्छा रहता है. जबकि साधारण और बासमती चावल का मूल्य कम होता है. काले धान की कीमत 250 रुपए से लेकर 500 रुपए प्रति किलोग्राम तक है. जबकि साधारण व बासमती चावल की कीमत 30 रुपए किलोग्राम से लेकर 150 किलोग्राम तक होती है. साथ ही इसका निर्यात कई विदेशी देशों कतर, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, संयुक्त् अरब अमीरात आदि में भी किया जाता है.
काले चावल की खास बाते
काले धान में एंटी-कैंसर एजेंट पाए जाते हैं. इसमें आयरन, फाइबर और प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है. जो स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा रहता है. ऐसे में बॉडी को फीट और स्वस्थ रखने के लिए काले चावल का सेवन काफी लाभकारी बताया जाता है. इस ब्लैक राइस (Black Rice) को पकाने के बाद इसका रंग बदल जाता है, इसलिए इसे नीला भात भी कहा जाता है. इसके पौधे की लंबाई साधारण धान की तरह ही होती है. लेकिन इसकी बाली के दाने लंबे होते हैं. काले धान की फसल 100 से 110 दिन की अवधि में पककर तैयार हो जाती है. काले धान की खेती कम लागत और कम पानी में की जा सकती है. काले धान के पौधे मजबूत होते हैं जिससे पौधों के टूटने की समस्या नहीं होती है.
काले धान की प्रमुख किस्में (varieties of black rice)
काले धन की अभी तक कोई प्रमाणित किस्म नही खोजी गया है. लेकिन उड़ीसा के किसानों द्वारा कलाबाती नामक काले धान की किस्म उगाई जाती है. जिसे क्षेत्रीय भाषा में कालाबैंशी कहा जाता है. यह किस्म भी पोषक तत्वों से भरपूर पाई जाती है. इस किस्म में एंटी एजिंग गुण पाए जाते हैं। कहा जाता है कि इस किस्म का चावल खाने से बुढ़ापा देरी से आता है यानि यह उम्र के बढ़ते प्रभाव को कम करने में सहायक है. उड़ीसा के अलावा मणिपुर और त्रिपुरा में भी इसकी खेती की जाती है. अब तो इसकी खेती अन्य राज्यों में भी होने लगी है जिनमें उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र शामिल हैं.
किसान भाई कहाँ से ख़रीदे काले धान का बीज
किसान भाई काले धान के बीजों को क्षेत्रीय किसानों से या ऑनलाइन भी माँगा सकते है. समय-समय पर कृषि विभाग एवं अन्य संस्थाओं द्वारा भी किसानों को बीज उपलब्ध कराया जाता है. किसान भाई बीज मंगाने से पहले बीज की गुणवत्ता की जांच जरुर कर ले.
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काले धान की खेती करने का तरीका
किसान भाई काले धान की खेती करने के लिए सबसे पहले इसकी नर्सरी तैयार कर ले. इसकी नर्सरी तैयार होने में लगभग एक माह का समय लगता है. इसके उपरांत किसान भाई मानसून के मौसम में इसे खेतों में रोप सकते है. फिर आवश्यकता अनुसार सिंचाई करते रहे. काले धान की फसल लगभग 5 से 6 महीने में पककर तैयार हो जाती है. इसके उपरांत किसान भाई इसकी कटाई कर ले. पौधों की लम्बाई करीब 6 फीट तक होती है. अन्य किस्मों की तुलना में काले चावल की फसल को तैयार होने में अधिक समय लगता है.