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इस तरह से करे बादाम की खेती, मुनाफा होगा जबरदस्त
आज की भागम-भाग जिंदगी में लोग अपने अपनी सेहत के प्रति सजग रहने लगे हैं और पोषण के साथ-साथ सेहतमंद चीजों का सेवन कर रहे है. इन्ही सेहतमंद चीजों में बादाम भी शामिल है जिसका सेवन ज्यादातर लोग अपनी सेहत के लिए कर रहे है. इसी लिए आज बादाम की बाजार में खूब मांग है इसलिए इसकी कीमत भी अच्छी मिल रही है. बाद की बढती मांग और अच्छी कीमत मिलने के कारण किसान भाई इसकी खेती भारत के हर इलाके में कर रहे है.
आपको यहाँ बताते चले पहले बादाम की खेती केवल पहाड़ी क्षेत्रों में की जाती थी. लेकिन अब नई तकनीक और नई किस्मों विकसित बीजों के चलते अब किसी भी प्रकार की जमीन में बादाम की खेती किसान भाई आसानी से कर अच्छा लाभ कमा सकते है. तो आइये जानते है बादाम की खेती के बारे में जिसे मैदानी भाग में रहने वाले किसान भाई भी कर सकते है और अच्छा मुनाफा कमा सकते है-
बादाम की खेती के लिए मिट्टी एवं जलवायु
इसकी खेती के लिए थोड़ी सर्द और मध्यम जलवायु के साथ-साथ समतल, बलुई, दोमट चिकनी मिट्टी और गहरी उपजाऊ मिट्टी सबसे बेहतर मानी जाती है. यहाँ पर आपको बताते चले बादाम एक मध्यम आकार के पेड़ पर फल में उगता है, जिसे मिंगी यानी गिरी कहा जाता है.
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बादाम उगाने वाले क्षेत्र
बादाम के उगाने वाले क्षेत्रों में मुख्यरूप से कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे सर्द इलाके है. जहाँ इसकी खेती खूब की जाती है. क्योकि यहाँ का मौसम इसकी खेती के लिए अनुकूल माना जाता है.
लेकिन अब उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में इसकी शौकिया खेती हो रही है.बादाम की खेत फलों के बाग की तरह ही तैयार किये जाते हैं. जहाँ बादाम की अच्छी उपज प्राप्त होती है.
बादाम खेती कैसे करे ?
- बादाम की खेती में सबसे पहले खेत में गहरी जुताई लगाकर समलतीकरण का काम कर लेना चाहिए.
- बादाम के पौधों की रोपाई के लिये 5-6 मीटर के अंतराल पर गड्ढों की खुदाई करनी चाहिए.
- इन गड्ढों में गोबर की सड़ी खाद या केंचुआ खाद डालकर भर देना चाहिए.
- अब इन गड्ढों में पौधों की रोपाई करें और हल्की सिंचाई काम कर दें.
- ध्यान रखें कि बादाम के बीज मान्यता प्राप्त और उन्नत किस्म के होनी चाहिये, जिससे बाजार मानकों के आधार पर आसानी से बिक्री हो सके.
बादाम के उन्नत किस्में
बादाम की उन्नत किस्मों में कैलिफोर्निया पेपर सेल, नान पेरिल, ड्रेक, थिनरोल्ड, आई.एक्स.एल., नीप्लस अल्ट्रा आदि मुख्य रूप से बादाम की किस्में हैं.
बादाम की खेती के दौरान सावधनियाँ
- बादाम की खेती के साथ-साथ अतिरिक्त कमाई के लिये किसान भाई साथ में सब्जियों की खेती भी कर सकते हैं.
- किसान भाई चाहें तो बादाम के बाग में शहद उत्पादन भी ले सकते हैं. क्योंकि मधुमक्खियां बादाम के पौधों में परागण करके उनकी बढ़वार में भी मदद करती हैं.
- बादाम के बाग लगाने से पहले मिट्टी की जांच जरूर करवायें, जांच में पता चल जायेगा कि मिट्टी और जलवायु बादाम की खेती के लिये ठीक है या नहीं.
- बागों को जल्दी बढ़ने के लिये नमी की जरूरत होती है, इसलिये गर्मियों में हर 10 दिन में और सर्दियों 20-25 दिनों के अंदर सिंचाई कर लेनी चाहिये.
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बादाम की खेती में आने वाली लागत और कमाई
किसान भाइयों को एक बादाम का पेड़ तैयार करने लिये 3-4 साल का समय लग जाता है. उसके बाद वह फल देने लगता है, लेकिन पूरी तरह से फल आने में बादाम के पेड़ को करीब 6 साल का समय लगता हैं। लेकिन यह बात अच्छी ये है कि बादाम के पेड़ एक बार लगाने के बाद 50 साल तक फल देने की क्षमता रखता हैं. अलग-अलग किस्म के हिसाब से अलग-अलग उत्पादन मिलता है, इसलिए मुनाफा भी कम-ज्यादा हो सकता है.
बाजार में बादाम का भाव 600 रुपए से 1000 रुपए प्रति किलोग्राम तक होता है. बादाम के एक पेड़ से 2-2.5 किलो सूखे बादाम हर साल प्राप्त होता हैं. यानी किसान भाइयों को केवल एक बार खेती में खर्च करना होगा और फिर उसके बाद बस रख-रखाव जरुरत होती है और मुनाफा मिलता रहता है. वहीं बादाम के खेत में अन्य सब्जियों की खेती भी करें, जिससे किसानों का अधिक मुनाफा होगा.