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पशुओं का लम्पी स्किन डिजीज का टीकाकरण किया जाएगा बिलकुल मुक्त
लम्पी स्किन बीमारी अभी देश के कई राज्यों में फैली है. जिसके कारण हजारों गोवंश के पास इस बीमारी की चपेट में आ गए हैं. सरकार द्वारा इस बीमारी की रोकथाम के लिए सभी गोवंश ही पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है. इसी के चलते हरियाणा राज्य के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा राज्य के पशुपालक किसानों को अपील करते हुए कहा गया है, कि लम्पी स्किन बीमारी से ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है. राज्य सरकार द्वारा इस बीमारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए उपयुक्त व्यवस्था की जा चुकी है.
हरियाणा की राज्य सरकार द्वारा लम्पी स्किन बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए मिशन मोड पर काम किया जा रहा है. इस बीमारी की रोकथाम के लिए हर स्तर पर वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है. इस रोग से बचाव के लिए अब तक 245249 गोवंश को गोट पोक्स टीका लगाया जा चुका है. इसके अलावा इस रोग को नियंत्रित करने के लिए संबंधित सभी अधिकारियों के साथ नियमित बैठकें भी की जा रही हैं.
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20 लाख से अधिक पशुओं को लम्पी स्किन बीमारी का टीका मुफ्त
राज्य सरकार द्वारा लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम के लिए अधिक से अधिक टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए व्यापक अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान के तहत पशुओं को मुफ्त टीका दिया जा रहा है. जिससे लगभग 2000000 पशुओं को टीकाकरण का लाभ मिल पाएगा.
इस समय हरियाणा राज्य के लगभग 3,497 गांव में 52,544 वर्ष लंबी स्किन बीमारी से संक्रमित हो चुके हैं. जिसमे से 29,104 पशु इस बीमारी से ग्रसित होने के बाद स्वस्थ हो चुके हैं. जबकि 633 पशुओं की इस बीमारी से जान जा चुकी है. राज्य की 286 गौशाला में 7,938 गोवंश जानवर इस बीमारी से संक्रमित हो चुके हैं. जिसमें से 126 गोवंश जानवर अपनी जान गवा चुके हैं. अगर मृत्यु की प्रसिद्ध की बात करें, तो यह 1.2% है.
स्किन रोग से किसान भाई इस तरह अपने पशुओं की करें सुरक्षा
किसान भाई लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम के लिए अपने पशुओं के बांधने वाली जगह पर फागिंग करवा सकते हैं. इसके अलावा मक्खी और मच्छर को नियंत्रित करके भी इस रोग से अपने जानवरों का बचाव कर सकते हैं. क्योंकि इन्हीं के कारण बीमारी फैलने का डर रहता है. इसीलिए किसान भाई अपने पशु बाड़े या जानवर बांधने की जगह पर सफाई का विशेष ध्यान जरूर रखें.
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इसके अलावा लम्पी स्किन रोग से ग्रसित जानवर को अन्य जानवरों से अलग रखना जरूरी है. साथ ही बीमारी को रोकने के लिए पशुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने की भी रोक लगाई गई है. साथ ही पशु मेले और पशुओं की बिक्री पर भी इस समय सरकार द्वारा रोक लगा दी गई है. सरकार द्वारा गौशालाओं और गांव में भी मक्खी और मच्छरों के नियंत्रण के लिए लगातार फागिंग करवाई जा रही है. इसके अलावा इस बीमारी से ग्रसित पशु की मृत्यु के पश्चात पशु को 8 से 10 फुट नीचे गहराई में दबाने का भी निर्देश दिया गया है.