जानवर फसल कर रहे हैं बर्बाद, तो किसान भाई आजमाएँ यह तरीका
देश के उत्तरी भाग के कई राज्यों में छुट्टा जानवरों किसान भाई काफी परेशान हैं. क्योंकि यह छुट्टा जानवर किसानों की पूरी फसल को चौपट कर देते हैं. जिससे किसानों को खेती की फसलों में काफी नुकसान उठाना पड़ता है.
पहले किसान भाई इन छुट्टा जानवरों से अपनी फसल को बचाने के लिए कटीले तारों का उपयोग करते थे. लेकिन देश के उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा कटीले तारों पर प्रतिबंध लगा दिया है. जिससे किसानों को फिर से फसलों के नुकसान का डर सता रहा है.
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राज्य सरकार द्वारा तारबंदी पर पूर्णतः रोक
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा खेत में लगाए जाने वाले कटीले तारों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. राज्य सरकार द्वारा यह आदेश दिया गया है कि तारों के प्रतिबंध लगने के बाद किसान भाई अब अपने खेतों में जानवरों को घुसने से रोकने के लिए साधारण रस्सी का प्रयोग कर सकते हैं. क्योंकि खेत में ब्लड या कटीले तारों का किसान भाई यदि प्रयोग करते हैं. तो उन्हें पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए किसानों से जुर्माना भी वसूल किया जाएगा. इसके अलावा इसमें जेल की सजा का भी प्रावधान है.
किसान भाई खेती के लिए आजमाएं यह विकल्प
किसान भाई अपनी फसलों को जानवरों से बचाने के लिए एक और आसान विकल्प भी उपलब्ध है. यह विकल्प है कि किसान भाई मुख्य और पारंपरिक फसलों की खेती के साथ-साथ खेत के किनारे लेमनग्रास या एलोवेरा जैसी सुगंधित किस्मों की की फसलों को भी लगा सकते हैं. क्योंकि जानवर इन औषधीय गुणों से भरपूर फसलों को ज्यादा खाना पसंद नहीं करते हैं. इस तरह से किसानों की इन फसलों के साथ-साथ पारंपरिक फसलें भी सुरक्षित हो जाएंगी.
औषधीय फसलों पर मिलता है आर्थिक अनुदान
केंद्र सरकार के द्वारा शुरू किया गया एरोमा मिशन के तहत औषधीय फसलों की खेती करने पर किसानों को अनुदान दिया जाता है. जिसमें किसान भाई औषधीय फसलों की खेती करते हैं. तो खेती करने के लिए उन्हें योजना के तहत सरकार द्वारा आर्थिक मदद दी जाती है. इसकी अधिक जानकारी के लिए आप अपने नजदीकी कृषि विभाग में जाकर जानकारी ले सकते हैं.
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किसानों को मिलेगा दो गुना फायदा
इन सभी फसलों को पारंपरिक फसलों के साथ उगा कर किसान भाई दोगुना फायदा ले सकते हैं. इन औषधीय फसलों का उपयोग परफ्यूम, साबुन, निरमा, डिटर्जेंट, हेयर ऑइल और मच्छर लोशन, सिर दर्द की दवा व कॉस्मेटिक बनाने के लिए किया जाता है. इस तरह औषधीय प्रोडक्ट बनाने वाली फैक्ट्रियां में इन फसलों की उपज की जबरदस्त मांग रहती है.साथ ही यह कंपनियां औषधीय फसलों की उपज किसानों से महंगे दामों पर खरीदते हैं. इसीलिए किसानों को इनकी खेती से अच्छा मुनाफा होता है.