मुख्यमंत्री सीखों कमाओं योजना : बेरोजगार युवकों को प्रशिक्षण के साथ 10 हजार रुपये हर महीने, जाने आवेदन की प्रक्रिया

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Mukhyamantri Seekho Kamao Yojana
मुख्यमंत्री सीखों-कमाओं योजना

“मुख्यमंत्री सीखों-कमाओं योजना” के तहत युवाओं को प्रशिक्षण एवं शिष्यवृत्ति

देश के युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहे है. इसके लिए सरकार द्वारा समय-समय पर विभिन्न योजनाओं के साथ-साथ कौशल विकास के द्वारा युवाओं को प्रशिक्षण देने की योजना भी है. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश की राज्य सरकार द्वारा राज्य के युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए नई योजना की शुरुवात की गयी है. जिसक तहत युवाओं में कौशल विकास की क्षमता को बढ़ने के लिए राज्य में लर्न एण्ड अर्न की तर्ज पर रोजगार के लिये कौशल सिखाने मुख्यमंत्री सीखोकमाओ योजना की शुरुआत करने जा रही है.

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य शासन की मंशा है कि प्रदेश का युवा रोजगार मांगने वाला नहीं, रोजगार देने वाला बने. इसके लिये राज्य शासन ने अनेक स्व-रोजगार संबंधी योजनाएँ भी क्रियान्वित की हैं. इसी श्रंखला में यह योजना लागू की गई है, जो उद्योग उन्मुख प्रशिक्षण आधारित है.

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नवीनतम तकनीक से व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण 

इस योजना के तहत युवाओं को उद्योगों के साथ सर्विस सेक्टर में कौशल प्रशिक्षण दिलाते हुए स्टाईपेंड की व्यवस्था भी की गई है. युवाओं को नवीनतम तकनीक और प्रक्रिया से व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसके लिए योजना से कंपनियों और सर्विस सेक्टर को जोड़ा गया है। इस नवाचारी व्यवस्था से युवाओं को रोज़गार, प्रगति और विकास के नित नए अवसर मिलेंगे.

एक लाख युवाओं को प्रशिक्षण के साथ मिलेगी इतनी शिष्यवृत्ति

“मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना” के अंतर्गत प्रदेश के एक लाख युवाओं को योजना के 46 सेक्टर में 800 से अधिक पाठ्यक्रमों में दक्ष करने का प्रारंभिक लक्ष्य रखा गया है. योजना में मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी 18 से 29 वर्ष के 12वीं या उससे कम कक्षा में उत्तीर्ण युवा को 8 हजार रूपये, आईटीआई उत्तीर्ण को 8 हजार 500 रूपये, डिप्लोमा उत्तीर्ण को 9 हजार रूपये और स्नातक या उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले युवाओं को 10 हजार रूपये प्रतिमाह स्टाईपेंड दिया जायेगा. राज्य शासन की ओर से निर्धारित स्टाईपेंड की 75 प्रतिशत राशि प्रशिक्षणार्थियों को डीबीटी से भुगतान की जायेगी. संबंधित प्रतिष्ठानों द्वारा निर्धारित न्यूनतम स्टाईपेंड की 25 प्रतिशत राशि प्रशिक्षणार्थियों के बैंक खाते में जमा करानी होगी. प्रतिष्ठान अपनी ओर से निर्धारित राशि से अधिक स्टाईपेंड देने के लिये स्वतंत्र होंगे. स्टाईपेंड एक वर्ष तक दिया जायेगा.

योजना के अंतर्गत इन क्षेत्रों में मिलेगा प्रशिक्षण 

प्रदेश की “मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना” के अंतर्गत युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिये चिन्हित कार्य-क्षेत्र में विनिर्माण क्षेत्र, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिविल, प्रबंधन, मार्केटिंग, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म, ट्रायबल, अस्पताल, रेलवे, आईटी सेक्टर, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, बैंकिंग, बीमा, लेखा, चार्टर्ड अकाउंटेंट, मीडिया, कला, कानूनी और विधि सेवाएँ, शिक्षा एवं प्रशिक्षण सहित 800 से अधिक सेवा क्षेत्र में कार्यरत प्रतिष्ठान भागीदारी करेंगे.

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15 जून से पंजीयन और 15 जुलाई से प्लेसमेन्ट 

इस योजना में प्रशिक्षण देने वाली इंस्टीट्यूशन का रजिस्ट्रेशन 7 जून से और युवाओं का रजिस्ट्रेशन 15 जून से प्रारंभ होगा. युवाओं का प्लेसमेंट 15 जुलाई से होगा. राज्य शासन और प्रशिक्षण देने वाली इंस्टीट्यूशन के मध्य 31 जुलाई को अनुबंध होगा. योजना के अंतर्गत युवाओं को एक अगस्त से ट्रेनिंग दी जाना शुरू हो जाएगी. इस योजना में चिन्हित प्रतिष्ठानों का पेन एवं GST रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा. प्रतिष्ठान अपने टोटल कार्य-बल का 15 फीसदी के नंबर तक ट्रेनिंग देने वालो को दे सकते हैं. जिन प्रतिष्ठानों में न्यून से न्यून 20 लोग रोजाना ढंग से मशगूल हों, उनके कुल कार्य-बल की कैलकुलेशन EPF जमा करने के आधार पर की जाएगी.

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