प्याज की पांच उन्नत किस्में | Five improved varieties of onion
नमस्कार किसान भाइयों-बहनों, प्याज का उपयोग देश के हर राज्य और हर मौसम में सब्जी या सलाद के रूप में किया जाता है. पूरे साल इसकी मांग बाजार में बनी रहती है. प्याज की खेती किसान भाई-बहन खरीफ और रबी दोनों मौसम में करते है. इसकी खेती से अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए अच्छी किस्मों का चुनाव करना बहुत ही आवश्यक होता है. इसलिए गाँव किसान (Gaon Kisan) आज अपने इस लेख में प्याज की पांच उन्नत किस्में आप अभी को बताएगा, जिनसे आप अच्छी पैदावार ले सकते है. तो आइये जानते है प्याज की पांच उन्नत प्रमुख किस्मों के बारे ने पूरी जानकारी-
प्याज की पांच प्रमुख उन्नत किस्में
अखिल भारतीय प्याज और लहसुन नेटवर्क अनुसंधान परियोजना की विधान चन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, कल्याणी में आयोजित की गयी कार्यशाला में प्याज और लहसुन अनुसंधान निदेशालय (डीओजीआर) द्वारा पांच उन्नत प्याज की किस्में राष्ट्रीय स्तर पर जारी किया गया है। इन पाँचों किस्मों की प्रमुख विशेषताएं निम्नवत हैं-
प्याज की उन्नत किस्म भीमा सुपर
इस किस्म के प्याज का रंग लाल होता है यह किस्म छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान और तमिलनाडु में खरीफ मौसम में उगाने के लिए एकदम उपयुक्त है। इसे खरीफ में पछेती फसल के रूप में भी उगाया जा सकता हैं। यह खरीफ में 22-22 टन/है. और पछेती खरीफ में 40-45 टन/है. तक लगभग उपज दे देती है। यह खरीफ में 100 से 105 दिन और पछेती खरीफ में 110 से 120 दिन में कंद पककर तैयार हो जाते हैं।
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प्याज की उन्नत किस्म भीमा गहरा लाल
प्याज की इस किस्म को छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान और तमिलनाडु में खरीफ मौसम में उगाया जाता है। यह इन राज्यों की पहचान के रूप में जानी जाती है. इसकी औसत उपज 20-22 टन/है. तक प्राप्त हो जाती है। इसमें आकर्षक गहरे, लाल रंग के चपटे एवं गोलाकार कंद होते हैं। या किस्म 95-100 दिन में कंद पककर तैयार हो जाती हैं।.
प्याज की उन्नत किस्म भीमा लाल
प्याज की इस किस्मों को रबी के मौसम में महराष्ट्र और मध्य प्रदेश में बुवाई के लिए तैयार किया गया था. लेकिन अब इस किस्म को अब दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान और तमिलनाडु में खरीफ मौसम में भी बोया जाता है। साथ ही इस किस्म को पछेती खरीफ मौसम में भी बोया जा सकता है। खरीफ में यह फसल 105-110 दिन और पछेती खरीफ और रबी मौसम में 110-120 दिन में यह पककर तैयार हो जाती है। खरीफ में इस किस्म की औसतन उपज 19-21 टन/है. और पछेती खरीफ में 48-52 टन/है. तथा रबी मौसम में 30-32 टन/है. होती है। इस किस्म की भण्डारण क्षमता अधिक होती है. रबी के सीजन में तीन महीने तक इसका भंडारण किया जा सकता हैं।
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प्याज की उन्नत किस्म भीमा स्वेता
प्याज यह किस्म रबी मौसम के लिए उपयुक्त होती है लेकिन अब खरीफ मौसम में छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और तमिलनाडु में भी उगाया जाता है। इस किस्म के प्याज का रंग सफ़ेद होता है. यह किस्म 110-120 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इसका तीन महीने तक इसका भंडारण किया जा सकता हैं। खरीफ में इसकी औसत पैदावार 18-20 टन/है. और रबी में 26-30 टन/है. हो जाती है।
प्याज की उन्नत किस्म भीमा शुभ्रा
प्याज की इस किस्म का रंग सफेद होता है. यह किस्म छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और तमिलनाडु में खरीफ मौसम के लिए उपयुक्त होती है। यह महाराष्ट्र में पछेती खरीफ के सीजन के लिए एकदम उपयुक्त किस्म है. खरीफ के सीजन में यह 110-115 दिन और पछेती खरीफ में 120-130 दिन में इसकी फसल पककर तैयार हो जाती है। मध्यम भण्डारण की यह किस्म मौसम के उतार-चढ़ाव के प्रति सहिष्णु है। खरीफ के सीजन में इसकी औसत पैदावार 18-20 टन/है. जबकि पछेती खरीफ में 36-42 टन/है. तक इसकी पैदावार हो जाती है.