जानिए,गाजर की उन्नत किस्में, जिससे किसानों को मिलेगा अधिक उत्पादन

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गाजर की उन्नत किस्में
गाजर की उन्नत किस्में, जिनकी पैदावार है अधिक 

गाजर की उन्नत किस्में, जिनकी पैदावार है अधिक 

नमस्कार किसान भाईयों, गाजर की खेती (Carrot farming) देश के ज्यादातर राज्यों में की जाती है. यह सर्दियों के मौसम की प्रमुख सब्जियों में से एक है. गाजर का उपयोग सलाद, सब्जी, हलवा, आचार आदि किया जाता है. गाजर में पाए जाने वाले एंटीओक्सिडेंट गुण एवं विटामिन्स, बीटा कैरोटीन जैसे पोषक तत्व हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होते है. गाजर की खेती प्रमुख रूप से हरियाणा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब और उत्तर प्रदेश में होती है. किसान भाई इसकी खेती अच्छा मुनाफा कमा सकते है. इसलिए इसकी अच्छी किस्मों की जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है.

इसलिए गाँव किसान (Gaon kisan) आज अपने इस लेख में गाजर की उन्नत किस्में कौन-कौन सी है, जिनकी बुवाई कर किसान भाई अच्छा लाभ कमा सके, की पूरी जानकारी देगा. तो आइये इस लेख के माध्यम से जाने गाजर की उन्नत किस्मों (Improved Varities Of Carrot) के बारे में पूरी जानकारी-

गाजर की प्रमुख उन्नत किस्में 

गाजर की उन्नत किस्म नैन्टिस किस्म (Nantis Variety)

गाजर की इस किस्म की खेती भारत के सभी राज्यों में की जा सकती है. इस किस्म की गाजर की औसतन उपज 120 कुंटल प्रति हेक्टेयर तक हो जाती है. इस किस्म की जड़ आकार में बेलन के आकार की होती है. यह किस्म का रंग नारंगी होता है. इस किस्म का गूदा खाने मीठा होता है. गाजर की इस किस्म की फसल 110 से 120 दिन में पककर तैयार हो जाती है.

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गाजर की उन्नत किस्म पूसा मेघाली (Pusa Meghali)

गाजर की इस किस्म की खेती देश के मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र राज्य ज्यादा की जाती है. गाजर की इस किस्म की औसतन उपज 250 कुंटल प्रति हेक्टेयर तक हो जाती है. गाजर की यह किस्म की पौध 100 से 120 दिन में तैयार हो जाती है. जिसे आप खुदाई कर बाजार भेज सकते है.

गाजर की उन्नत किस्म पूसा रुधिर (Pusa Blood)

गाजर की इस किस्म की खेती भारत के दिल्ली राज्य के आसपास के क्षेत्रों में की जाती है. गाजर की इस किस्म की औसतन उपज 300 कुंटल प्रति हेक्टेयर तक हो जाती है.

गाजर की उन्नत किस्म पूसा अन्सिता (Pusa Ansita)

गाजर की इस किस्म की खेती भी भारत के दिल्ली राज्य के आसपास की जाती है. इस किस्म की गाजर की औसतन उपज 250 कुंटल प्रति हेक्टेयर हो जाती है. गाजर की इस किस्म की उपज 90 से 110 दिन में तैयार हो जाती है. किसान भाई गाजर की इस किस्म की बुवाई सितम्बर से अक्टूबर के बीच कर सकते है. जिससे अच्छी उपज होगी.

किसान भाई ऊपर बताई गई गाजर की उन्नत किस्मों की बुवाई कर अच्छी उपज प्राप्त कर सकते है. जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा प्राप्त होगा. यह जानकारी आपको कैसी लगी कमेन्ट कर जरुर बताएं. धन्यवाद

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