आम की फल बेधक मक्खी कीट | Mango fruit fly
नमस्कार किसान भाईयों, आम की फल बेधक मक्खी कीट देश में आम की फसल को काफी नुकसान पहुंचाती है. यह एक फलों के लिए एक घातक कीट है. अगर किसान भाईयों ने इसके रोकथाम के प्रबंधन समय अपर नही किया तो उन्हें भारी नुकसान उठाना पडेगा. इसलिए गाँव किसान (Gaon Kisan) आज अपने इस लेख में आम की फल बेधक मक्खी कीट बकि पूरी जानकारी देगा. जिससे किसान अभी इसकी उचित रोकथाम कर सके. तो आइये जानते है आम की फल बेधक मक्खी कीट की पूरी जानकारी-
आम की फल बेधक मक्खी की पहचान
इस मक्खी कीट की वयस्क मध्यम आकर की घरेलू मक्खी की तरह होती है. यह पंखों की फैली हुई अवस्था में लगभग 14 मिमी० चौड़ी होती है. इसकी लम्बाई लगभग 7 मिमी० होती है. इस प्रकार आकार में घरेलू मक्खी कुछ बड़ी होती है. इसके पंख पारदर्शी होते है. पंखों व शरीर पर पीले व गहरे भूरे या जंग के रंग के धब्बे होते है. सिर अर्ध्दचंद्राकर होता है. जिसका अगला भाग चौड़ा होता है. इसके मैगट अपारदर्शी टांगों रहित तथा पीले होते है. ये लगभग 8 से 9 मिमी० लम्बे और 1.5 मिमी० चौड़े होते है. इसका पिछला हिसा पतला व पिछला मोटा होता है.
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कीट मक्खी पाए जाने वाले क्षेत्र
यह मक्खी कीट भारत के अलावा दक्षिण पूर्व एशिया महाद्वीप में काफी क्षति पहुंचाता है. यह मलेशिया, इंडोनेशिया, फारमूसा तथा फिलीपींस के अलावा आस्ट्रेलिया व हवाई द्वीप समूह में भी पाया जाता है. भारत में आम उगाये जाने वाले सभी क्षेत्रों में इसका काफी प्रकोप होता है.
आम की फसल को क्षति
इस कीट के मैगट फलों को क्षति पहुंचाते है. ये फलों के गूदे खाते है. फलतः फल मानव उपयोग का नही रहता है. क्षतिग्रस्त फलों पर गड्ढे के अंदर गहरे रंग का छिद्र पाया जाता है. फलों का किण्वन (Fermentation) होता है. और गूदा सड़ जाता है. ऐसे फल अधिकांशतः पकने के पूर्व गिर जाते है. इस कीट के प्रकोप से कभी-कभी 50 प्रतिशत तक की क्षति हो जाती है.
अन्य परपोषी पौधे
आम के अलावा या मक्खी कीट कटहल, अमरूद, लीची, चेरी, नाशपाती, चीकू, बेर, अनार, नींबू तथा खुबानी (Apricot) को काफी क्षति पहुंचता है.
कीट का जीवन चक्र
इस मक्खी कीट का वैज्ञानिक नाम डैकस डोर्सेलिस (Dacus dorsalis) है. यह टेफ्रीटिडी (Tephritidea) कुल का कीट है. इस जाति की मादा अपने कड़े अंडनिपेक्षेपक से पकने वाले फलों फलों की छाल की छाल के नीचे सिगार के आकार के अंडे देती है. ये अंडे सफ़ेद होते है. एक मादा 100 से 150 अंडे देती है. एक फल में 15 से 20 तक अंडे हो सकते है. 2 से 3 दिन में ये अंडे फूट जाते है. और इनसे छोटे-छोटे मैगट निकल आते है. जो आम के गूदे को खाते है. ये मैगट 12 से 15 दिनों में पूर्ण विकसित हो जाते है. इस बीच में फल भी पक जाता है. और मैगट गूदे में छेद करते हुए बाहर आ जाते है. और झटके के साथ उछल कर फल से दूर जमीन पर पदी हुई पत्तियों में गिर जाते है. वहां ये भूरे रंग के प्यूपों में परिवर्तित हो जाते है. सामान्यतः इनका प्यूपाकाल 8 से 10 दिन होता है., परन्तु यह कीट असामान्य प्यूपावस्था में रह सकता है. इसका प्यूपाकाल गर्मी की अपेक्षा जाड़ों में अन्य भोज्य पदार्थों पर अधिक होता है.
दिम्भक (प्यूपा) से निकलने के तुरंत बाद नर और मादा संगम करके मादा पके हुए फलों पर अंडा देती है. यह मक्खी आम के आने के समय बहुत सक्रिय रहती है. सर्दियों में यह प्यूपा के रूप में शीत-निष्क्रियता में चली जाती है. सामान्यतः यह नवम्बर से अप्रैल तक निष्क्रियता में चली जाती है. मार्च में यह अमरुद और बादाम पर रहती है. यह मक्खी जुलाई के माह में आम, आडू एवं नाशपाती पर पाई जाती है. और अगस्त से अक्टूबर तक अमरूद, नाशपाती, अंजीर, सेव, नींबू और पके हुए केले पर पायी जाती है.
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बेधक मक्खी कीट नियंत्रण
- पेड़ के आस-पास के फल इकठ्ठा करके जला देना चाहिए.
- सर्दियों में बाग़ को मिट्टी पलटने वाले हल से जुतवा कर मिट्टी पलट देना चाहिए. इससे कीट की प्यूपावस्था नष्ट हो जाती है.
- फलों को पूर्णरूपेण पकने से पहले तोड़ लेने से इस कीट के प्रकोप से बचा जा सकता है.
- वयस्क मक्खियों को सेवीगोल के 0.05 प्रतिशत घोल के छिड्काव द्वारा नष्ट किया जा सकता है. अन्य कीटनाशी रसायन, जैसे मैलाथियान, सेविन आदि को शीरे के साथ मिलाकर छिडकने से भी मक्खियाँ मर जाती है.
निष्कर्ष
किसान भाईयों उम्मीद है गाँव किसान (Gaon Kisan) के इस लेख आम की फल बेधक मक्खी कीट से सम्बंधित सभी जानकरी मिल पायी होगी. फिर भी इस लेख से सम्बंधित आपका कोई प्रश्न हो तो कम्नेट बॉक्स में कमेन्ट कर पूछ सकते है. इसके अलावा यह लेख आपको कैसा लगा कमेन्ट कर जरुर बताएं,महान कृपा होगी.
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