आम का पिस्सू-घुन कीट | Mango flea weevil
नमस्कार किसान भाईयों, आम का पिस्सू घुन आम के बौर और पत्तियों को नुकसान पहुंचता है. जिससे आम की उपज को काफी नुकसान पहुंचती है. किसान भाईयों बागवानी में काफी घाटा होता है. इसलिए गाँव किसान (Gaon Kisan) आज अपने इस लेख में आम के पिस्सू-घुन के बारे में पूरी जानकारी दूंगा. जिससे किसान भाई इसके प्रकोप से बच सके. तो आइये जानते है आम का पिस्सू-घुन कीट की जानकारी-
आम की पिस्सू-घुन कीट की पहचान
इस कीट का वयस्क घुन लगभग 1.7 मिमी० लंबा तथा गहरा भूरा होता है. इसके भृंगक बहुत छोटे और सफ़ेद रंग के होते है.
कीट पाया जाने वाला क्षेत्र
यह कीट श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा भारत में काफी संख्या में पाया जाता है. भारत में यह उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार आदि राज्यों में पाया जाता है.
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आम की फसल को क्षति
यह कीट आम आम में बौर निकलने के बाद विकृत बौर के गुच्छो एवं मुलायम पत्तियों पर अधिक नजर आते है. ये पत्तियां की निचली सतह से उनके किनारों में या फूलों में अंडे दे देते है. इन अण्डों से जो जो भृंगक निकलते है. वे फूलों के पुष्पासन में सुरंग बनाना शुरू कर देते है. परिणाम स्वरूप क्षतिग्रस्त फूल एवं कलियाँ सूख जाती है. और कलिकाएँ कभी भी नही खिलती है. इस कीट से 40 प्रतिशत तक की क्षति हो जाती है. आम की लंगड़ा किस्म में इस कीट से ज्यादा क्षति होती है.
इसके घुन पत्तियों पर बड़ी संख्या में जमा होकर उनकी नसों के अलावा अन्य सारे हरित भाग को पूर्णतः खा जाते है.
अन्य परपोषी पौधे
इसका अन्य कोई भी परपोषी पौधा नही है.
कीट का जीवन चक्र
इस कीट का वैज्ञानिक नाम रिन्कीनस मेंजीफेरी (Rhynchaenus mangiferae) है. यह कुर्कलिओप्टेरा कुल का कीट है. इस कीट का वयस्क फरवरी के महीने में दिखाई देते है. और मई तक सक्रीय रहते है. इस जाति की मादा फूलों या पत्तियों की निचली सतह पर किनारों से छेद करके अंडे देती है. ये अंडे 2 या 3 दिन में फूट जाते है. और इसके छोटे-छोटे भृंगक निकलते है. ये भृंगक फूलों के पुष्पासन या पत्तियों को खाकर लगभग 4 से 6 दिनों में पूर्ण विकसित हो जाते है. पूर्ण विकसित भृंगक लगभग 3 मिमी० लंबा होता है. ये भृंगक पत्तियों में बनाई गई सुरंगों में प्यूपा बनाते है. इनसे वयस्क कीट बनने तक इसका पूरा जीवन चक्र लगभग 10 से 12 दिन में पूरा हो जाता है.
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कीट की रोकथाम
- इस कीट के रोकथाम के लिए क्षतिग्रस्त शाखाओं एवं फूलों को मिट्टी का तेल मिली हुई चौड़ी परतों पर हिला कर तथा एकत्र करके नष्ट किया जा सकता है.
- इसके अलावा 5 प्रतिशत बी० एच० सी० या डी० डी० टी० की धुल बुरकने से इसका नियंत्रण हो जाता है.
- बी० एच० सी० का 0.05 प्रतिशत या डी० डी० टी० का 0.01 प्रतिशत के घोल का छिड़काव करने से इस कीट का नियंत्रण हो सकता है.
- अन्य आधुनिक संस्पर्श विष, जैसे मैलाथियान, फेनिट्रोथियान, रोगर, नुवाक्रान आदि भी उपयोगी रहेंगे.
निष्कर्ष
किसान भाईयों उम्मीद है, गाँव किसान (Gaon Kisan) के इस लेख से आपको आम का पिस्सू-घुन कीट से सम्बंधित जानकारी आपको मिल पायी होगी. फिर भी आपका कोई प्रश्न हो तो कमेन्ट बॉक्स में कमेन्ट कर पूछ सकते है. इसके अलावा यह लेख आपको कैसा लगा कमेन्ट कर जरुर बताये, महान कृपा होगी.
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