आम का तना वेधक कीट | Mango stem borer | Mango pests

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आम का तना वेधक
आम का तना वेधक कीट

आम का तना वेधक कीट | Mango stem borer

नमस्कार किसान भाईयों, आम का तना वेधक कीट पेड़ को अन्दर से काटकर नुकसान पहुंचती है. जिससे पेड़ सूख जाते है. जिससे किसान भाईयों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. इसलिए गाँव किसान (Gaon Kisan) आज अपने इस लेख में आम का तना वेधक कीट के बारे में पूरी जानकारी देगा. जिससे किसान भाई इस कीट का उचित प्रबन्धन कर सके और अधिक उपज प्राप्त कर सके. तो आइये जानते है आम का तना वेधक कीट की पूरी जानकारी-

आम का तना वेधक कीट की पहचान 

तना वेधक कीट का वयस्क कीट का भृंग भूरे-स्लेटी रंग का होता है. आकार में ये 50 से 55 मिमी० लम्बे और 10 से 12 मिमी० चौड़े होते है. इनकी श्रंगिकाएं शरीर से काफी लम्बी होती है. इसका अग्रवक्ष चिकना हरा-पीला होता है. तथा इसके दोनों तरफ छोटे-छोटे कांटे की तरह के प्रवर्ध निकले रहते है. पक्षवम पर छोटे-छोटे नारंगी धब्बे होते है. पूर्ण विकसित भृंगक लगभग 85 से 95 मिमी० लम्बे, मांसल तथा हल्के पीले होते है.

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तना वेधक कीट के पाए जाने वाले क्षेत्र 

यह कीट पूरे देश में आम के क्षेत्रो में पाया जाता है. इसका पंजाब, बिहार, असम व उत्तर प्रदेश में इसका प्रकोप अधिक होता है. भारत के अलावा यह बांग्लादेश व पकिस्तान में भी पाया जाता है.

आम को क्षति 

इस कीट की इल्लियाँ पेड़ों के तनों व शाखाओं में छाल के नीचे वाली लकड़ी में सुरंग बनाकर उसको अन्दर ही अन्दर खाती है. इस कीट के डिंभक तने में कई वर्ष तक बने रहते है. और इस बीच पेड़ों के तनों व शाखाओं में लम्बी-लम्बी सुरंगे कीट के मल, पेड़ की छाल व लकड़ी के छोटे-छोटे टुकड़ों से भरी रहती है. इस प्रकार इसके प्रकोप से पेड़ की शाखाएं व तने कमजोर हो जाते है. और आसानी से टूट जाते है. वयस्क कीट पेड़ की पत्तियां, छाल व कभी-कभी फल को खाते है.

अन्य परपोषी पौधे 

आम के अलावा यह कीट अंजीर, कटहल, अमरुद, शहतूत, जामुन, शीशम, रबड़, यूकेलिप्टस, सेब व पपीते को भी क्षति पहुंचाते है.

कीट का जीवन चक्र 

इस कीट का वैज्ञानिक नाम बेटोसेरा रूफोमैकुलेटा (Betocera rufomaculata) है. यह सेरम्बाइसिडी  (Cerambicidae) कुल का कीट है. इस कीट की मादा पेड़ की छाल पर या छाल में विद्यमान दरारों में एक-एक करके अलग-अलग अंडे देती है. ये अंडे 20 से 25 दिन में फट जाते है. ये अंडे प्रतिदिन की दर से दिये जाते है. और इनमें छोटे-छोटे भृंगक निकलते है. जो 6 से 8 माह में पूर्ण विकसित हो जाते है. इसके बाद ये भृंगक विशेष प्रकार से बनाये गए ककून में प्यूपा बनाते है. 25 से 30 दिन में इन प्यूपों से वयस्क भृंग निकलते है. इनका पूर्ण जीवन चक्र 170 से 190 दिनों में पूरा हो जाता है. वयस्क कीट 60 से 100 दिन तक जीवित रहते है. वयस्क कीट अधिकांशतः मई-जून में निकलते है. ये रात्रिचर (Nocturnal) होते है. एक वर्ष में इनकी एक पीढ़ी पायी जाती है.

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कीट नियंत्रण 

  • इसका वयस्क कीट अधिकांशतः प्रकाश की तरफ आकर्षित होते है. इसलिए उन्हें प्रकाशपाश में फंसाकर नष्ट किया जा सकता है.
  • कीट-ग्रसित शाखाओं को काटकर जलाने के काम में लाया जा सकता है.
  • कीट द्वारा तनों व शाखाओं में बनाये गए छिद्रों में घूमन विष या अन्य कीटनाशी डाल कर छाल खाने वाले कीट की तरह छिद्रों को माँ या मिट्टी से बंद करके डिम्भाकों को नष्ट किया जा सकता है.

निष्कर्ष  

किसान भाईयों उम्मीद है गाँव किसान (Gaon Kisan) के इस लेख से आम का तना छेदक कीट की पूरी जानकारी मिल पायी होगी. फिर भी इस लेख से सम्बंधित आपका कोई प्रश्न हो तो कमेन्ट बॉक्स में कमेन्ट कर पूछ सकते है. इसके अलावा यह लेख आपको कैसा लगा कमेन्ट कर जरुर बताये, महान कृपा होगी.

आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद, जय हिन्द.

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