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अप्रैल में बागवानी कार्य : अपने फल बाग़ में रखे इन बातों का ध्यान

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अपने फल बाग़ में रखे इन बातों का ध्यान

अप्रैल में बागवानी कार्य : अपने फल बाग़ में रखे इन बातों का ध्यान

नमस्कार किसान भाईयों, बागों से अच्छी उपज प्राप्त हो इसके लिए पूरे साल के हर महीने में कुछ न कुछ कार्य करने पड़ता है. लेकिन आज गाँव किसान (Gaon Kisan) अपने इस लेख में अप्रैल में बागवानी कार्य के बारे पूरी जानकारी देगा. जिससे किसान भाई बाग़ से अच्छा लाभ पा सके. तो आइये जानते है बाग़ में अप्रैल माह में कौन-कौन से बागवानी कार्य करने चाहिए-

आम के बाग़ में

बागों में सिंचाई करनी चाहिए. श्यामव्रण रोग की रोकथाम के लिए ब्लाइटाक्स-50 का छिड़काव करना चाहिए. आन्तरिक ऊतकक्षय रोग की रोकथाम के लिए बोरेक्स का छिड़काव करना चाहिए. भुनगा कीट की रोकथाम के लिए सेविन का छिड़काव करना चाहिए. छोटी पत्ती रोग की रोकथाम के लिए जिंक सल्फेट का छिड़काव करना चाहिए.

अमरुद के बाग़ में 

तना छेदक कीट द्वारा बनाए रखने गए छेदों में पेट्रोल अथवा क्लोरोफार्म में रुई भिगोकर इन छेदों में भरकर गीली मिट्टी से बंद कर देना चाहिए. पौधों की छंटाई का कार्य भी समाप्त कर देना चाहिए. यदि फूल आ रहे है तो उन्हें तोड़ देना चाहिए.

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अंगूर के बाग़ में 

थ्रिप्स कीट की रोकथाम के लिए मैलाथियान का छिड़काव करना चाहिए. बैग में 15 दिन के अंतराल पर दो बार सिंचाई करनी चाहिए. चूर्णिल असिता की रोकथाम के लिए कैराथेन का छिड़काव करना चाहिए.

पपीता के बाग़ में 

फलों को तोड़कर बाजार भेजना चाहिए. पौधशाला में बीजों की बुवाई कर देनी चाहिए.

बेर के बाग़ में 

छोटी कलम के लिए वृक्षों को एक मीटर की उंचाई से काट देना चाहिए. फलदार वृक्षों की कटाई-छंटाई प्रारंभ कर देनी चाहिए. मूलवृन्तों को पौधशाला में बदलने का कार्य कर लेना चाहिए.

लीची के बाग़ में 

बाग़ की 15 दिन के अनन्तर पर दो बार सिंचाई करनी चाहिए. थालों को साफ़ रखना चाहिए. छोटी पत्ती रोग की रोकथाम के लिए जिंक सल्फेट का छिड़काव करना चाहिए.

लोकाट के बाग़ में 

बाग़ में 15 दिन के अंतराल में 2 बार सिंचाई करनी चाहिए. पके फलों को तोड़कर बाजार भेजना चाहिए. पौधशाला में बीजों की बुवाई करनी चाहिए.

आंवला के बाग़ में 

बाग़ में 15 दिन के अंतर पर सिंचाई करनी चाहिए. तथा थालों को साफ रखना चाहिए.

कटहल के बाग़ में 

बाग़ में 15 दिन के अंतर पर दो बार सिंचाई करनी चाहिए. फलों के आंतरिक ऊतकक्षय की रोकथाम के लिए बोरेक्स का छिड़काव करना चाहिए.

फालसा के बाग़ में 

बाग़ की सफाई करनी चाहिए. तथा एक बार सिंचाई करनी चाहिए. पके फलों को बाजार भेजना चाहिए.

सेब व नाशपाती के बाग़ में 

यदि पौधशाला में बीजों का जमाव हो गया हो तो इन पौधों की सिंचाई कर देनी चाहिए. पिछले माह कलम बढे पौधों की भी सिंचाई कर देनी चाहिए. यदि जिंक सल्फेट व बोरेक्स का छिड़काव न हुआ हो तो इस महीने के अंत तक अवश्य कर देना चाहिए. सेंजोन्सशल्क कीट की रोकथाम के लिए मेटासिस्टोक्स का छिड़काव करना चाहिए. गीजू कीट की रोकथाम के लिए प्रभावित पौधों की टहनियों की छंटाई करके थायोडान का छिड़काव करना चाहिए. पत्ती खाने वाले कीड़ों से प्रभावित पौधों की टहनियों की छंटाई करके थायोडान का छिड़काव रात के समय करना चाहिए. झुलसा रोग की रोकथाम के लिए ब्लाइटॉक्स-50 का छिड़काव करना चाहिए. अधिक फले पेड़ों में फलों की छंटाई करनी चाहिए. फलों की छंटाई 25 पत्ती प्रति फल के हिसाब से करनी चाहिए.

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आडू, खुबानी व आलूबुखारा के बाग़ में 

नए लगे बागों की सिंचाई करनी चाहिए. थालों की सफाई करनी चाहिए. फलों की छंटाई कर देनी चाहिए. पिछले माह यदि जिंक, सल्फेट व बोरेक्स का छिड़काव न हुआ हो तो इस माह के मध्य तक छिड़काव अवश्य करना चाहिए. भूरा विगलन रोग की रोकथाम के लिए बेनलेट के घोल का छिड़काव करना चाहिए. टेंट इल्ली की रोकथाम के लिए थायोडान का छिड़काव करना चाहिए. छिड़काव के पूर्व प्रभावित टहनियों को छांट देना चाहिए. बाग़ की चिड़ियों से रक्षा करनी चाहिए.

निष्कर्ष 

किसान भाईयों उम्मीद है गाँव किसान (Gaon Kisan) के इस लेख से आप सभी को अप्रैल में बागवानी कार्य के बारे में पूरी जानकारी मिल पायी होगी. फिर भी आपका कोई प्रश्न हो तो कमेन्ट बॉक्स में कमेन्ट कर पूछ सकते है. इसके अलावा यह लेख आपको कैसा लगा कमेन्ट कर जरुर बताएं, महान कृपा होगी.

आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद, जय हिन्द. 

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