Custard Apple Farming – शरीफा की खेती कैसे करे ? (हिंदी में)

0
Custard Apple Farming
शरीफा की खेती (Custard Apple Farming) कैसे करे ?

शरीफा की खेती (Custard Apple Farming) कैसे करे ?

नमस्कार किसान भाईयों, शरीफा की खेती (Custard Apple Farming) देश के विभिन्न क्षेत्रो में की जाती है. इसका फल खाने में काफी स्वादिष्ट और मीठा होता है. इसकी बाजार में मांग लगातार बनी रहती है. किसान भाई शरीफा उगाकर काफी अच्छा लाभ कमा सकते है. इसलिये गाँव किसान (Gaon Kisan) आज अपने इस लेख के जरिये शरीफा की खेती (Custard Apple Farming) कैसे करे ? की पूरी जानकारी देगा. वह भी अपनी भाषा हिंदी में. जिससे किसान भाई इसकी अच्छी उपज प्राप्त कर सके. तो आइये जानते है शरीफा की खेती (Custard Apple Farming) की पूरी जानकारी-

शरीफा के फायदे 

शरीफा एक औषधीय महत्त्व वाला पौधा है. इसके अपरिपक्व फल, बीज पत्तियों, जड़े आयुर्वेदिक एवं यूनानी दवाइयां बनाने में काम आती है. इसके बीजों में 30 प्रतिशत तेल पाया जाता है, जिसका साबुन और पेंट बनाने वाले उद्योगों में काम आता है. शरीफा से आइसक्रीम, दुग्ध उत्पाद, जैम आदि आदि बनाने में किया जाता है.

यह स्वादिष्ट और मीठा फल होता है. इसमें कैलोरी की प्रचुर मात्रा पायी जाती है. इसमें आयरन और विटामिन भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसके सेवन से इसमें मौजूद पोषक तत्व कई रोगों में फायदेमंद होता है. यह त्वचा, अस्थमा, पाचन शक्ति, उच्च रक्तचाप, गर्भवती स्त्रियों के लिए, वजन को बढाने में काफी फायदेमंद होता है.

उत्पत्ति एवं क्षेत्र 

शरीफा बहुउपयोगी फल है. इसको सीताफल भी बोला जाता है. शरीफा का वानस्पतिक नाम अनोना स्कैवनोसा है. यह अनोनेसी कुल का पौधा है. इसकी उत्पत्ति उष्ण कटिबंधीय अमेरिका में हुई थी. वही से यह भारत लाया गया था.

विश्व में यह आस्ट्रेलिया, ब्राजील, बर्मा, चिली, मिस्र, इजराइल, भारत, स्पेन, श्री लंका, दक्षिणी अफ्रीका आदि देशों में क जाती है.

भारत में यह असाम, आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उडीसा, तमिल नाडु, उत्तर प्रदेश, राजस्थान आदि राज्यों में उगाया जाता है. आंध्र प्रदेश राज्य शरीफा उगाने में सर्वोच्च स्थान रखता है, यहाँ लगभग 40,905 हेक्टेयर क्षेत्र में इसकी खेती की जाती है.

जलवायु एवं भूमि (Custard Apple Farming)

शरीफा की अच्छी उपज के लिए उष्ण कटिबंधीय जलवायु सर्वोत्तम होती है. इसको उष्ण एवं शुष्क दोनों क्षेत्रों में उगाया जा सकता है. फूल आने के समय उष्ण एवं शुष मौसम व फलन के समय उच्च आर्द्रता की आवश्यकता होती है. पाले वाले क्षेत्रो में इसकी फसल को काफी हानि पहुंचती है. 50 से 75 सेमी० वर्षा वाले क्षेत्र इसके लिए उपयुक्तहोते है.

शरीफा की अच्छी उपज के लिए दोमट मिट्टी सर्वोत्तम होती है. कुछ हद तक यह लवणीय भूमि में भी उगाया जा सकता है. भूमि का पी० एच० मान 5.5 से 6.5 तक होना चाहिए. भूमि से जल निकास का उचित प्रबंध होना चाहिए.

यह भी पढ़ेPomegranate farming – अनार की खेती की पूरी जानकारी (हिंदी में)

उन्नत किस्में (Custard Apple Farming)

शरीफा की उन्नत किस्मों में जिनकी उपज बढ़िया है वह निम्नवत है-

  • सरस्वती-7, रेड सीताफल, बालनगर, हाइब्रिड वाशिंगटन, एन० एम० के-2, अनोना-2, राम फल, अर्का सहान, पुरानधर, पीक मेमोथ, अफ्रीकन प्राइड आदि मुख्य किस्में है.
  • सरस्वती-7 – शरीफा की की इस किस्म के फल का वजन 500 ग्राम से 1100 तक होता है. फल की बाहरी सतह पतली तथा आँखे कम उभरी हुई है. यह जूस बनाने के लिए सर्वोत्तम किस्म होती है. जैविक खेती हेतु यह आदर्श किस्म है. इसकी उत्पादकता लगभग 7.5 टन प्रति एकड़ तक होती है.

प्रवर्धन की विधियाँ (Custard Apple Farming)

सामान्यतः शरीफा का प्रवर्धन बीज से होता है. परन्तु इसका प्रवर्धन गूटी लगाकर, दाब लगाकर, भेंट कलम, चश्मा, स्टूल कलम आदि द्वारा किया जाता है. लेकिन सबसे बढ़िया प्रवर्धन कलम विधि द्वारा होता है. कलम बाधने का सबसे उपयुक्त महीना फरवरी से मार्च तक का होता है.

पौधा लगाने का समय एवं दूरी 

शरीफा का पौधरोपण का उचित समय बरसात की शुरुवात यानी जुलाई महीने में करना चाहिए. इसकी रोपाई के लिए एक महीने पहले मई या जून के पहले सप्ताह में 4 x 4 मीटर की दूरी पर 60 x 60 x 60 सेंटीमीटर आकार के गड्ढे खोद लेना चाहिए.

जुलाई में इन गड्ढों में गोबर की सड़ी हुई खाद, सिंगल सुपर फास्फेट, नीम या करंज की खल एवं क्यूनालफ़ॉस 1.5 प्रतिशत डस्ट 50 से 10 ग्राम प्रति गड्ढा मिलाकर भर देना चहिये. इसके तदुपरांत पौधे गड्ढे की मिट्टी को अच्छी तरह दबा देना चाहिए एवं पौधे के चारो ओर थाला बना देना चाहिए. इसके बाद हल्की सिंचाई कर दे.

सधाई एवं काट-छांट 

शरीफा की अच्छी उपज के लिए इसके पेड़ों की समय-समय पर सधाई एवं काट-छांट बहुत ही आवश्यक है. पौधे की पुरानी, सूखी तथा घनी शाखाओं को निकालते रहना चाहिए. इसके अलावा रोगी एवं कीट ग्रसित शाखाओं को भी काटकर निकाल देना चाहिए.

अन्तः सस्य फसलें (Custard Apple Farming)

शरीफा के पौधे जब तक छोटे रहे आप इसके बाग़ में दूसरी फसलों की खेती कर लाभ ले सकते है. इसके बागों में मटर, लोबिया, भिन्डी आदि फसलें से लकते है.

खाद एवं उर्वरक 

शरीफा की अच्छी उपज के लिए प्रत्येक वर्ष खाद एवं उर्वरक डालना अति आवश्यक है. शरीफा के पूर्णतया विकसित पेड़ में 20 किग्रा० गोबर की खाद, 40 ग्राम नाइट्रोजन, 60 ग्राम फास्फोरस और 60 ग्राम पोटाश की मात्रा प्रति पेड़ प्रति वर्ष देना बहुत ही आवश्यक है.

सिंचाई (Custard Apple Farming)

शरीफा के पेड़ को गर्मियों में 15 दिन के अंतर पर सिंचाई करनी चाहिए. बरसात में ज्यादा सिंचाई की जरुरत नही होती है. लेकिन बारिश के बाद आवश्यकतानुसार सिंचाई कर सकते है.

फूल और फल आने का समय 

शरीफा के पौधे में फूल आने का समय लम्बे समय तक चलता है. उत्तर भारत में मार्च से जुलाई तक शरीफा के पौधे में फूल निकलते रहते है. पुष्प आने के बाद 4 महीने बाद फल पकना शुरू हो जाते है. शरीफा में सितम्बर से अक्टूबर में फल पकने लगते है.

शरीफा के बीज द्वारा तैयार पौधे तीन साल में फल देना प्रारंभ कर देते है. जबकि प्रवर्धन विधियों द्वारा तैयार पौधे दूसरे वर्ष फल देना शुरू कर देते है. पौधे में फूल आने के बाद 50 पी० पी० एम० जिबरेलिक एसिड के घोल का छिड़काव करने से उपज अच्छी प्राप्त होती है.

फलों की तुड़ाई 

शरीफा के फलों को तभी तोड़ना चाहिए जब वह कुछ कठोर हो जाय. फलों की तुड़ाई उचित अवस्था में कर लेना चाहिए. क्योकि अधिक समय तक पेड़ में लगे रहने पर फल फट जाते है. शरीफा के फलों में जब दो उभारों के बीच का रिक्त स्थान बढ़ जाय और उसका रंग बदलने लगे तब फल पकने की अवस्था में होता है. कच्चे फलों को नही तोड़ना चाहिए क्योकि ये फल ठीक से नही पकते और मिठास की मात्रा भी कम होगी.

उपज (Custard Apple Farming)

शरीफा का पौधा तीसरे साल उपज देना शुरू कर देता है. एक 5 से 6 साल के वृक्ष में 50 से 100 फल तक मिल जाते है. इसके एक फल का वजन 300 से 400 ग्राम तक होता है. लेकिन सरस्वती-7  किस्म का फल 700-800 ग्राम तक होता है.

यह भी पढ़े Carambola Farming – कमरख की खेती की पूरी जानकारी (हिंदी में)

कीट एवं रोग प्रबन्धन 

शरीफा एक कठोर फलदार पौधा है. इसमें कीटों एवं रोगों का प्रकोप कम ही होता है. लेकिन फिर भी कुछ कीट एवं रोग जो इसकी फसल को प्रभावित करते है निम्नवत है-

प्रमुख कीट एवं रोकथाम 

चूर्णी बग – इस कीट के अर्भक व वयस्क, दोनों ही क्षति पहुंचाते है. ये बड़ी संख्या में पौधों की अंतिम मुलायम टहनियों, पत्तियों एवं फलों पर चिपक जाते है, और उनसे रस चूसते है. जिससे पौधे की पत्तियां सूख जाती है और फसल को हानि पहुंचती है.

रोकथाम – इसकी रोकथाम के लिए ऑक्सीडिमेटान या कारबारिल के 0.025 प्रतिशत घोल को छिड़काव करना चाहिए.

फल वेधक कीट – इस कीट की इल्लियाँ ही छति पहुंचती है. ये अंडे से निकलने के बाद मुलायम फलों में घुसकर फलों को नुकसान पहुंचती है. इससे उपज को हानि पहुंचती है.

रोकथाम – इसकी रोकथाम के लिए फलों को एकत्र कर जला देना चाहिए. इसके अलावा फस्फेमिडान के 0.03 प्रतिशत या मेलाथियान के घोल का छिड़काव करना चाहिए.

शल्क कीट – इस कीट के अर्भक व वयस्क मादा मुलायम टहनियों, पत्तियों, प्ररोहों व मुलायम फलों में अपने चुभाने व चूसने वाले मुर्खांगों से रस चूसकर क्षति पहुंचाते है.

रोकथाम – इस कीट की रोकथाम के लिए मेलाथियान या फेनिट्रोथियान 0.025 प्रतिशत घोल का छिड़काव लाभदायक होता है.

प्रमुख रोग एवं रोकथाम

पत्ती धब्बा रोग – इस रोग में पौधे की पत्तियों पर धब्बे पद जाते है. ये धब्बे आपस में मिलकर पत्ते को झुलसा देते है. इसके बाद पत्ते सड़ जाते है. और पेड़ की शाखाएं प्रभावित होती है.

रोकथाम – इसकी रोकथाम के लिए गिरे हुए पत्तो को नष्ट कर देना चाहिये. इअधिक परकोप होने पर मेन्कोजेब 600 ग्राम या प्रोपिनेब 600 ग्राम को प्रति 200 लीटर पानी में घोलकर 2 से 3 बार छिड़काव करना चाहिए.

झुलसा रोग – इस लोग में कलियों, गांठों और शाखाओं पर धब्बे आ जाते है जिससे शाखाये मर जाती है और उपज प्रभावित होती है.

रोकथाम – इसकी रोकथाम के लिए प्रभावित भागों को काटकर नष्ट कर देना चाहिए. इसके अलाव कॉपर युक्त कवकनाशी का छिड़काव करना चाहिए.

निष्कर्ष 

किसान भाईयों उम्मीद है कि गाँव किसान (Gaon Kisan) के शरीफा की खेती (Custard Apple Farming) से सम्बन्धित इस लेख से सभी जानकारियां मिल पायी होगी. गाँव किसान (Gaon Kisan) द्वारा शरीफा के फायदे से लेकर शरीफा के कीट एवं रोग प्रबंधन तक की सभी जानकारियां दी गयी है. फिर भी शरीफा की खेती (Custard Apple Farming) से सम्बन्धित आपका कोई प्रश्न हो तो कमेन्ट बॉक्स में कम्नेट कर पूछ सकते है. इसके अलावा यह लेख आपको कैसा लगा कम्नेट कर जरुर बताएं. महान कृपा होगी.

आप सभी लोगों का बहुत-बहुत धन्यवाद, जय हिन्द. 

[शरीफा प्रसंस्करण की मशीन की जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करे ]

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here