Almond farming in hindi – बादाम की खेती कैसे करे ? (हिंदी में)

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Almond farming in hindi
बादाम की खेती (Almond farming in hindi) कैसे करे ?

बादाम की खेती (Almond farming in hindi) कैसे करे ?

   नमस्कार किसान भाईयों, बादाम की खेती (Almond farming in hindi) देश के ठंडे प्रदेशों में बड़े तौर पर की जाती है. बादाम का एक पेड़ होता है. यही नाम इस पेड़ के बीज या उसकी गिरी को दिया गया है. किसान भाई इसकी खेती कर अच्छा लाभ कमा सकते है. इसलिए गाँव किसान (Gaon Kisan) आज अपने इस लेख में बादाम की खेती (Almond farming in hindi) की पूरी जानकारी देगा, वह भी अपनी देश की भाषा हिंदी में. जिससे किसान भाई इसे अच्छी तरह उगाकर अच्छी फसल ले सके. तो आइये जानते है बादाम की खेती (Almond farming in hindi) की पूरी जानकारी-

बादाम के फायदे 

बादाम एक तरह का मेवा है. आयुर्वेद में इसे बुध्दि और नसों के लिए लाभकारी बताया गया है. एक औंस (28 ग्राम) बादाम में 160 कैलोरी होती है. इसलिए यह ऊर्जा प्रदान करता है. इसलिए यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है. लेकिन बहुत अधिक खाने से मोटापा भी हो सकता है. इसमें निहित कुल कैलोरी का 50 प्रतिशत भाग वसा से मिलाता है. शेष कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन से मिलता है. इसका ग्लाईसेमिक शून्य होता है. इसमें कार्बोहाइड्रेट कम होता है. इस कारण से बादाम से बना केक या बिस्कुट मधुमेह के रोगी भी खा सकते है.

इसमें तीन तरह की वसा पायी जाती है. एकल असंतृप्त, वसीय अम्ल और बहु असंतृप्त अम्ल. यह लाभदायक वसा होती है. जो शारीर की कोलेस्ट्रोल को कम करता है. और ह्रदय रोगों को कम करता है. इसके अलावा दूसरा प्रकार है अमेगा-3 वसीय अम्ल है. ये स्वस्थ्यवर्धक होता है. इसमें संतृप्त वसीय बहुत कम और कोलेस्ट्रोल नही होता है. और ह्रदय रोगों से बचने में भी सहायक रहता है. तथा पेट को अधिक देर तक भर कर रखता है. इस कारण कब्ज के रोगियों के लिए लाभदायक होता है. बादाम में सोडियम नहीं होने से यह रक्तचाप के रोगियों के लिए भी लाभदायक होता है. इसके अलावा इसमें पोटेशियम, विटामिन ई, लौह, मैग्नेशियम, कैल्शियम, फ़ोस्फोरस आदि तत्व पाए जाते है.

उत्पत्ति एवं क्षेत्र 

बादाम का वैज्ञानिक नाम प्रुनुस डल्शिस (Prunus dulcis) है. यह रोजेसी कुल का पौधा है. बादाम का उल्लेख प्राचीन बाइबिल और प्राचीन यूनान में मिलता है. विश्व में इसकी खेती इटली, मिस्र, इंग्लैंड, स्पेन, आस्ट्रेलिया, तुर्की, चिली, योरोपीय संघ, चीन और भारत आदि राज्यों में की जाती है. भारत (almond agriculture in india) में इसकी खेती हिमाचल प्रदेश, पंजाब, जम्मू-कश्मीर व उत्तराँचल अदि राज्यों में बड़े तौर पर की जाती है. आज बादाम खेती देश के मैदानी क्षेत्रों में की जा रही है.

जलवायु एवं मिट्टी 

बादाम की खेती की लिए ठंडी जलवायु जहाँ बसंत ऋतुओ में देर तक कोहरा व ओला न पड़ता हो तथा फल तैयार होते समय गर्म एवं शुष्क जलवायु होनी चाहिए. इसके 750 से 2400 मीटर की ऊंचाई तक उगाया जा सकता है. इसकी खेती के लिए औसत वार्षिक वर्षा 75 से 110 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए.

इसकी खेती के लिए तीन मीटर गहरी भूमि जो बलुई दोमट हो अच्छी रहती है. भूमि का पी० एच० मान 5 से 8 के बीच का होना चाहिए. इसके अलावा भूमि से जल निकास की उचित व्यवस्था होनी चाहिए.

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उन्नत किस्में 

बादाम की क्षेत्र के अनुसार निम्नवत उन्नत किस्में है-

  • हिमाचल प्रदेश के लिए नौन पेरेल, थिनुसेलु, हिमाचलवरण नंबर 10 आदि प्रमुख उन्नत किस्में है.
  • जम्मू-कश्मीर के लिए जोरडानोलो, प्रान्याज आदि प्रमुख उन्नत किस्में है.
  • पंजाब राज्य के लिए संकर नंबर 15, कैलीफोर्निया पेपरशेल, पेंथिक्स वंडर आदि प्रमुख उन्नत किस्में है.
  • उत्तराँचल राज्य के लिए कैलीफोर्निया पेपरशेल, थिनरोल्ड, जे० के० एस० 55, नौनपेरेल आदि प्रमुख उन्नत किस्में है.

खेत की तैयारी 

बादाम के पौधे लगाने के लिए खेत को अच्छी प्रकार तैयार करना चाहिए. क्योकि इसका पौधा एक बार लगाने के बाद 40 से 50 साल तक उपज देता है. सबसे पहले मिट्टी पलटने वाले हल से खेत की जुताई करनी चाहिए. इसके बाद 3 से 4 बार कल्टीवेटर या देशी हल से कर सकते है. इसके बाद पाटा लगाकर खेत को समतल कर लेना चाहिए.

प्रवर्धन की विधियां 

बादाम के पौधे का प्रवर्धन छल्ला चश्मा, टी चश्मा, कलम विधि द्वारा किया जाता है. चश्मा चढाने का उचित समय अप्रैल-मई तथा कलम बांधने का उचित समय जनवरी-फरवरी में की जाती है. हल्की भूमियों के लिए बादाम में संकर मूलवृंत अच्छे रहते है.

पौधा लगाने का समय व दूरी 

बादाम का पौधा लगाने के लिए जनवरी फरवरी का महीना सबसे उचित होता है. इसके लिए पौधा लगाने के एक महीने पहले गड्ढों को 6 x 6 मीटर की दूरी पर खोद लिया जाता है. इसके उपरांत गंडों में 10 से 15 किलो गोबर की खाद को मिट्टी में अच्छी तरह मिलाकर गड्ढे में डाल देते है. और पानी डालकर देते है जिससे मिट्टी अच्छी तरह बैठ जाय. इसके उपरांत पौधा लगाकर मिट्टी को अच्छी तरह दबा देते है.

पौधों की सिंचाई

जब पौध लगाये तो इसकी हल्की सिंचाई करनी चाहिए. इसके बाद आवश्यकता अनुसार सिंचाई करते रहना चाहिए. इसके पौधे को गर्मी के मौसम में अधिक पानी की आवश्यकता होती है. इसलिए अप्रैल से जून महीने तक 10 दिन के अंतराल पर सिंचाई करते रहना चाहिए.

खाद एवं उर्वरक 

बादाम के पौधे की अच्छी वृध्दि और उपज के लिए खाद एवं उर्वरक की उचित मात्रा को प्रयोग करना चाहिए. इसके लिए गोबर की सड़ी हुई खाद 35 से 40 किलो एवं 2 किग्रा० कैल्सियम अमोनिया नाइट्रेट, 1.5 किग्रा० सिंगल सुपर फास्फेट और 1.0 किग्रा० म्यूरेट ऑफ़ पोटाश प्रति पेड़ प्रति वर्ष देना चाहिए. फ़ॉस्फोरस की पूरी व पोटाश की आधी मात्रा अप्रैल तथा नाइट्रोजन की आधी मात्रा फरवरी तथा आधी मात्रा अप्रैल में देनी चाहिए.

बाग़ में उगाई जाने वाली फसलें

बादाम का पौधा तैयार होने में तीन से चार साल तक समय लग जाता है. इस दरम्यान पौधों के बीच की बची हुई भूमि पर विभिन्न प्रकार की सब्जियों की खेती कर अच्छा लाभ ले सकते है.

फूल एवं फल आने का समय 

बादाम का पौधा चार से पांच साल में तैयार हो जाता है. इसके बाद यह उपज देना शुरू कर देता है. बादाम में फूल आने का समय फरवरी से मार्च तक आते है एवं जुलाई से दिसम्बर के मध्य में फल तैयार हो जाते है.

फलों की तुड़ाई 

बादाम में फूल आने के बाद लगभग 8 महीने बाद फल पककर तैयार हो जाते है. बादाम में आई हरे रंग की गुठलियाँ अपना रंग बदलकर पीला कर दे. साथ ही टूटकर नीचे गिराने लगे तो इन्हें तोड़ लेना चाहिए. इसके अलावा इनको किसी छाया में सुखाने के बाद तोड़कर इनमे से बादाम की गिरी निकाल लेनी चाहिये.

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उपज 

बादाम की उपज क्षेत्र और किस्मों पर निर्भर करती है. फिर भी बादाम के एक वृक्ष से 2 से 2.5 किलोग्राम सूखे बादाम प्रति पेड़ प्रति वर्ष प्राप्त हो जाते है.

निष्कर्ष 

किसान भाईयों उम्मीद है गाँव किसान (Gaon Kisan) के बादाम की खेती (Almond farming in hindi) से सम्बन्धित इस लेख से सभी जानकारियां मिल पाई होगी. गाँव किसान (Gaon Kisan) द्वारा बादाम के फायदे से लेकर बादाम की उपज तक की सभी जानकारियां दी गयी है. फिर भी बादाम की खेती (Almond farming in hindi) से सम्बंधित आपका कोई प्रश्न हो तो कम्नेट बॉक्स में कमेन्ट कर पूछ सकते है. इसके अलाव गाँव किसान (Gaon Kisan) का यह लेख आपको कैसा लगा कमेन्ट कर जरुर बताये. महान कृपा होगी.

आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद, जय हिन्द. 

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